Mangla Gauri Vrat 2022 : सावन मास के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत का विधान है। यह व्रत माता पार्वती को समर्पित माना गया है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है। जानें शुभ मुहूर्त, कथा, महत्व व पूजा विधि देवों के देव महादेव को समर्पित मास अब समाप्ति की ओर है। सावन मास के सोमवार की तरह ही मंगलवार व्रत का भी विशेष महत्व होता है। (Mangla Gauri Vrat 2022)
सावन महीने के मंगलवार को माता पार्वती को समर्पित मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। आज 9 अगस्त, मंगलवार को सावन का चौथा व अंतिम मंगला गौरी व्रत है। मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य प्रभाव से वैवाहिक जीवन खुशहाल व अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आज भगवान शंकर व माता पार्वती की विधिवत पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होने की मान्यता है।जानें मंगला गौरी व्रत विधि, शुभ मुहूर्त व महत्व (Mangla Gauri Vrat 2022)
मंगला गौरी व्रत सुहागिनों को समर्पित व्रत माना गया है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से सुहागिनों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है। (Mangla Gauri Vrat 2022)
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में धर्मपाल नामक एक सेठ था। वह भोलेनाथ का सच्चा भक्त था। उसके पैसों की कोई कमी नहीं थी। लेकिन उसके कोई पुत्र न होने के कारण वह परेशान रहता था। कुछ समय बाद महादेव की कृपा से उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। लेकिन ये पहले से तय था कि 16 वर्ष की अवस्था में उस बच्चे की सांप के काटने से मृत्यु हो जाएगी। सेठ धर्मपाल ने अपने बेटे की शादी 16 वर्ष की अवस्था के पहले ही कर दी। (Mangla Gauri Vrat 2022)
जिस युवती से उसकी शादी हुई। वो पहले से मंगला गौरी का व्रत करती थी। व्रत के फल स्वरूप उस महिला की पुत्री के जीवन में कभी वैधव्य दुख नहीं आ सकता था. मंगला गौरी के व्रत के प्रभाव से धर्मपाल के पुत्र के सिर से उसकी मृत्यु का साया हट गया और उसकी आयु 100 वर्ष हो गई। इसके बाद दोनों पति पत्नी ने खुशी-खुशी पूरा जीवन व्यतीत किया। (Mangla Gauri Vrat 2022)
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