Up Kiran, Digital Desk: आप सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में हर महीने का अपना एक खास महत्व होता है. इन्हीं में से एक है मार्गशीर्ष का पवित्र महीना, जिसे अगहन मास भी कहते हैं. यह महीना भगवान श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय है और ऐसी मान्यता है कि इसमें किए गए पुण्य कर्मों का फल कई गुना होकर मिलता है. कहा जाता है कि इस महीने में पूजा-पाठ, दान और पवित्र स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. अगर आप भी इस मार्गशीर्ष मास में भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो इन खास नियमों का जरूर पालन करें और कुछ गलतियों से बचें.
मार्गशीर्ष मास – पवित्रता और पुण्य का महीना
यह महीना श्रीहरि विष्णु के पांचवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है. स्वयं श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि "महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं." इसका मतलब है कि यह महीना उनकी कृपा पाने का एक सुनहरा मौका है. ऐसी मान्यता है कि इस मास में नदी स्नान और दान करने से उतनी ही पुण्य मिलता है जितना कार्तिक स्नान या प्रयागराज के स्नान से मिलता है. तो आइए जानते हैं इस महीने क्या करें और क्या न करें:
जरूर करें ये काम
- सुबह उठकर पवित्र स्नान: मार्गशीर्ष मास में सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें या अगर यह संभव न हो तो अपने घर में पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें. स्नान के बाद 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जप करें.
- भगवान श्रीकृष्ण की पूजा: सुबह स्नान के बाद भगवान श्रीकृष्ण का विधिवत पूजन करें. उन्हें पीले वस्त्र, पुष्प और चंदन अर्पित करें. गीता का पाठ करना या श्रीकृष्ण लीला का श्रवण करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है.
- तुलसी की पूजा और सेवा: इस महीने में तुलसी माता की विशेष पूजा करनी चाहिए. तुलसी को जल चढ़ाएं और शाम को उनके सामने दीपक जलाएं. इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
- पितरों का तर्पण: यह महीना पितरों को शांति देने के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. अपने पितरों का तर्पण करें और उनके नाम से दान-पुण्य करें.
- व्रत और उपवास: मार्गशीर्ष माह में आने वाली एकादशी और पूर्णिमा के दिन व्रत रखना बेहद फलदायी होता है. ये व्रत भगवान विष्णु की कृपा दिलाते हैं.
इन गलतियों से बिल्कुल बचें
- सुबह का स्नान न छोड़ें: आलस्य के कारण सुबह के पवित्र स्नान को बिल्कुल न छोड़ें. यह महीना सात्विकता का होता है, इसलिए ब्रह्म मुहूर्त में उठना अनिवार्य माना गया है.
- साधारण साबुन का प्रयोग नहीं: ऐसा कहा जाता है कि इस महीने में स्नान के दौरान साधारण साबुन का प्रयोग नहीं करना चाहिए. स्नान के लिए चंदन, तिल, आंवला या उबटन का इस्तेमाल करना ज्यादा शुभ होता है.
- ** तामसिक भोजन का त्याग:** मार्गशीर्ष में प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा और मसूर की दाल जैसी तामसिक चीजों का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. इससे भगवान अप्रसन्न होते हैं और पुण्य नष्ट होता है.
- दिन में सोना मना: इस पवित्र माह में दिन में सोने से बचना चाहिए. इससे व्रत-पूजा का फल कम होता है.
- निंदा और कटु वचन: किसी की निंदा न करें और न ही किसी के प्रति कटु वचन का प्रयोग करें. वाणी में मधुरता और मन में सकारात्मकता बनाए रखें.
विशेष दान और पुण्य कर्म
इस महीने में दान करने का भी बहुत महत्व है. भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद पाने के लिए ये चीजें दान करें:
- दूध, दही, गुड़ और फल: ब्राह्यणों और जरूरतमंदों को दूध, दही, गुड़ और फल का दान करें.
- ऊनी वस्त्र/कंबल: सर्दियों का मौसम होने के कारण गरीबों और असहायों को ऊनी वस्त्र, कंबल या गरम कपड़े दान करें. यह दान महादान के समान माना जाता है.
- भगवान को भोग: अपने इष्टदेव, विशेषकर भगवान श्रीकृष्ण को, नए धान से बने मिष्ठान या पंचामृत का भोग लगाएं.
मार्गशीर्ष का महीना सिर्फ एक कैलेंडर माह नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और प्रभु से जुड़ने का एक आध्यात्मिक अवसर है. इन नियमों का पालन करके आप निश्चित रूप से भगवान श्रीकृष्ण की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं.
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