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नई दिल्ली ।। यूपी की प्रसिद्ध नगरी वाराणसी में कुछ युवतियां एवं महिलाएं ऐसी कला सिख रही है, जो 400 साल पहले मुगलकाल में केवल पुरूष ही करते आ रहे हैं। यहीं नहीं जो भी उनके इस हुनर को देख रहा वह भी हैरान है।

खबर के मुताबिक, जिस कला को देखकर सभी लोग हैरान है उस कला का नाम गुलाबी मीनारी है। इस कला में चंदन के तेल में Golden ash मिलाकर Natural color बनाया जाता है। इसका पूरा काम चांदी पर होता है। यह कला गायघाट पर कुछ युवतियां पढ़ाई के साथ इस हुनर को भी दिलचस्पी से सीख रहीं हैं। आपको बता दें कि यह कोई आसन काम नहीं है, इस करने में अच्छे के पसीन तक छूट जाते है।

तो वहीं इस संबंध में रोशनी ने बताया है कि वह B.Com की छात्रा है और लॉकेट पर मीनाकारी सीख चुकी हैं। परिवार में पहले लोग काम करते थे, लेकिन अब दूसरे Business में लग गए हैं। बहुत मुश्किल काम है, कई बार तो हाथ तक जल गया।

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इस खास कला की Senior trainer उमा किशोर पाठक ने बताया है कि ये बहुत हार्ड वर्क है। इसको पुरुष ही करते आए हैं। ये काम अब कई परिवारों में बंद हो चुका था। परिजनों को समझाया गया कि मीनाकारी धरोहर है। इसे सीखकर पैसा कमाने के साथ 400 साल पुराने आर्ट को नए तरीके से जीवित किया जा रहा है।

तो वहीं कारीगर बिहारी ने बताया है कि चन्दन के तेल में Golden ash मिलाकर कलर तैयार किया जाता है, जो नेचुरल कलर बनता है। यह पूरा वर्क चांदी पर होता है। 1200 डिग्री तापमान पर अलग-अलग सांचों को पकाया जाता है।

इसमें हर पार्ट को अलग-अलग बनाया गया है, बाद में सभी को ऐसेमबेल किया गया है। 400 साल पहले मुगलकाल में ये कला विकसित हुई थी। गुलाबी मीनाकारी को देश की बौद्धिक सम्पदा अधिकार का दर्जा 2015 में हासिल हुआ।​

फोटोः फाइल

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