Up Kiran, Digital Desk: भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को नया आयाम देते हुए शनिवार को लखनऊ की धरती पर इतिहास रच गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट में निर्मित पहली ब्रह्मोस मिसाइल बैच को रवाना कर ‘मेक इन इंडिया’ की दिशा में एक और मजबूत कदम उठाया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
दरअसल, कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा की थी कि अब देश की अत्याधुनिक सुपरसोनिक मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ का निर्माण लखनऊ में किया जाएगा। और आज, वह विजन जमीन पर उतरता नजर आया।
ऑपरेशन सिंदूर में दिखी थी स्वदेशी ताकत
पिछले कुछ महीनों में भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने जिस प्रकार से दुश्मन की गतिविधियों को कुशलता से जवाब दिया है, उसने पूरी दुनिया को भारत की रक्षा क्षमताओं का लोहा मानने पर मजबूर किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी वाराणसी की एक सभा में इसका ज़िक्र करते हुए कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देश की घरेलू रक्षा तकनीक, विशेषकर ब्रह्मोस मिसाइलों ने अपनी शक्ति का प्रभावी प्रदर्शन किया।
प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया था कि भारत की वायु सुरक्षा प्रणाली, मिसाइल नेटवर्क और स्वदेशी ड्रोन्स ने एकजुट होकर दुश्मन की योजना को नाकाम कर दिया।
पाकिस्तानी सैन्य ढांचे पर सटीक वार
ऑपरेशन सिंदूर के तहत, भारत ने जब जवाबी कार्रवाई शुरू की, तो सबसे पहले निशाना बनाया गया पाकिस्तान के अंदर मौजूद आतंकवादी ठिकानों को। इस दौरान जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के मुख्यालय भी निशाने पर रहे। इन सभी मिशनों में ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय वायु सेना की पहली पसंद बनी रही।
इस मिसाइल की सटीकता और मारक क्षमता के चलते पाकिस्तानी सेना को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। चार दिनों तक चले इस संघर्ष में ब्रह्मोस ने न सिर्फ दुश्मन के हवाई अड्डों को निशाना बनाया बल्कि उनके सैन्य ढांचे को भी गहरी चोट दी। पाकिस्तान ने अपने स्तर पर प्रतिक्रिया देने की कोशिश की लेकिन भारतीय सुरक्षा प्रणाली के आगे उसकी एक न चली।
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