भारत में ब्लैक आउट को लेकर मुश्किलें बढ़ती जा रही है। मोदी सरकार (Modi Sarkar) बत्ती संकट को लेकर लगातार मीटिंगें कर रही है। तो वहीं कई प्रदेशों ने PMO को इसे लेकर लेटर भी लिखा है। हालांकि ऊर्जा मंत्री ने राहत भरी बातें कहीं किंतु गृहमंत्री ने इसे लेकर सोमवार को बैठक की थी।
जानकारी के मुताबिक कई प्रदेशों में कोयले की कमी के कारण बिजली संयंत्र ठप हो गए हैं। प्रदेश सरकारें बिजली की मांग को पूरा करने के लिए बार-बार केंद्र से गुहार लगा रहे हैं।
इस बीच मोदी सरकार (Modi Sarkar) ने भी बिजली की प्राइस को पूरा करने के लिए तत्पर दिखाई दे रही है। मोदी सरकार ने बिजली संकट को देखते हुए प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे बिजली को ग्राहकों के मध्य शेड्यूल करें और सरप्लस बिजली की सूचना मोदी सरकार को दें। इस सरप्लस की डिटेल मिलने के बाद सरकार जरुरतमंद प्रदेशों को बिजली आवंटित कर सकेगी।
The States are requested to use the unallocated power for supplying electricity to the consumers of the State. In case of surplus power, the States are requested to intimate so that this power can be reallocated to other needy States: Ministry of Power (1/2) pic.twitter.com/WpBZyfOlFg
— ANI (@ANI) October 12, 2021
सेंट्रेल गर्वमेंट (Modi Sarkar) ने कहा है कि सभी प्रदेशों को अपने यहां आवंटित बिजली को ग्राहकों के बीच शेड्यूल करनी होगी और यदि सरप्लस बिजली बचती है तो प्रदेश उस बिजली को बेच नहीं सकेंगे। अगर कोई प्रदेश ऐसा करता पाया गया तो संबंधित राज्य की बिजली के कोटे को घटा दिया जाएगा या फिर उसे जरूरतमंद प्रदेश को आवंटित कर दिया जाएगा।