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हाल के दिनों में, कोरोना महामारी के बीच में ब्रिटेन में एक नए वायरस ने तहलका मचाया है, इस नए वायरस को “मंकीपॉक्स” का नाम दिया गया है।प्राप्त रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक यह ब्रिटेन (Britain) में 2 लोगों को अपना शिकार बना चुकी है।एक्सपर्ट्स और वैज्ञानिक अभी तक इस वायरस के सोर्स के बारे में अनिश्चित है।ध्यान रखें कि मंकीपॉक्स एक जूनोटिक बीमारी (Zoonotic disease) है अर्थात मनुष्य में जानवरों के संपर्क से आती है।

मंकीपॉक्स

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यह बीमारी वास्तव में बहुत खतरनाक है।भारत में अभी तक ये बीमारी अज्ञात बनी हुई है और पिछले कुछ दिनों से मंकीपॉक्स विदेशों में फैल रही है तो इस बीमारी के बारे जानकारी देना आवश्यक हो गया है।

इस आर्टिकल में हम मंकीपॉक्स के बारे में निम्न जानकारी देगे।

  • मंकी पॉक्स क्या है (What is monkeypox in hindi)
  • मंकी पॉक्स वायरस के लक्षण क्या हैं (Monkeypox virus symptoms in hindi)
  • मंकी पॉक्स वायरस के क्या कारण हैं (Monkeypox virus causes in hindi)
  • मंकी पॉक्स वायरस कहां पाया जाता है
  • मंकी पॉक्स वायरस से आप कैसे संक्रमित हो सकते हैं (How will you infected with monkeypox virus in hindi)
  • क्या मंकी पॉक्स रोग का इलाज संभव है (Is Monkeypox curable in hindi)

मंकीपॉक्स क्या है

मंकीपॉक्स, मंकीपॉक्स वायरस के कारण होने वाले चेचक (Smallpox)  के जैसे एक दुर्लभ बीमारी है।यह ज्यादातर अफ्रीका के क्षेत्रों में पाया जाता है लेकिन दुनिया के अन्य क्षेत्रों में पाया गया है।मंकीपॉक्स की खोज 1958 में हुई थी जब अनुसंधान के लिए इस्तेमाल किए जा रहे बंदरों के समूहों में चेचक जैसी बीमारी के दो बार प्रकोप हुए थे।अपने नाम के जैसे, मंकीपॉक्स वायरस बंदरों में नहीं पाया जाता है।  लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह अफ्रीका के वर्षावनों (Rainforest) में छोटे कृन्तकों (rodents) और गिलहरियों (squirrel) द्वारा फैलता है लेकिन इस तथ्य की पुष्टि के लिए वैज्ञानिक निश्चित नहीं हैं।

मंकीपॉक्स वायरस के दो (स्ट्रेन) पाए गए हैं – सेंट्रल अफ्रीकन (Central African) और वेस्ट अफ्रीकन (West African)।सेन्ट्रल अफ्रीकी मंकीपॉक्स वायरस अधिक गंभीर संक्रमण का कारण बनता है और वेस्ट अफ्रीकी मंकीपॉक्स वायरस की तुलना में अधिक मृत्यु का कारण बनती है।

मंकी पॉक्स के लक्षण

मंकी पॉक्स के लक्षण चेचक के लक्षणों के समान लेकिन हल्के होते हैं।जब आप मंकी पॉक्स वायरस के संपर्क में आते हैं, तो प्राथमिक लक्षणों के प्रकट होने में 5 से 21 दिन लग सकते हैं। कई मामलों में 7 से 14 दिन का समय लग जाता है।

मंकी पॉक्स बीमारी के निम्न लक्षण होते हैं।

  • बुखार
  • ठंड लगना
  • सरदर्द
  • मांसपेशियों में दर्द होना।
  • चक्कर जैसे महसूस होना (Fatigue)।
  • लिम्फ नोड्स (Lymph nodes) में सूजन होना।

एक या तीन दिनों के बाद, उभरे हुए बंप के साथ दानो का विकास होता है।दाने अक्सर चेहरे से होना शुरू होते हैं और फिर हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों सहित शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं। शुरू में दाने सपाट, लाल बंप होते हैं।छाले फफोलो में बदल जाते हैं और मवाद से भर जाते हैं।  कई दिनों के बाद, छाले फूट जाते हैं और ठीक हो जाते हैं।

मंकी पॉक्स रोग के क्या कारण हैं

मंकी पॉक्स, “मंकीपॉक्स वायरस” के कारण होता है।यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस (Orthopoxvirus genus) का हिस्सा है, यह वही वायरस है जो चेचक का कारण बनता है।वैज्ञानिकों ने पहली बार 1958 में इस बीमारी की पहचान की थी।मानव में मंकीपॉक्स का पहला मामला 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (Democratic republic of the Congo) में हुआ था।

मंकीपॉक्स वायरस कहां पाया जाता है

मंकी पॉक्स ज्यादातर कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में देखा गया है।  हालाँकि, यह कभी-कभी संयुक्त राज्य अमेरिका सहित अन्य देशों में पाया जाता है।2003 के वसंत में, अफ्रीका के बाहर मंकी पॉक्स का पहला प्रकोप संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) में हुआ। 2021 की गर्मियों में, एक अमेरिकी निवासी में मंकी पॉक्स का मामला पाया गया, जिसने नाइजीरिया से संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा की थी।

मंकीपॉक्स वायरस से आप कैसे संक्रमित हो सकते हैं

मंकी पॉक्स तब फैलता है जब आप किसी जानवर या वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं।पशु से व्यक्ति में संचरण त्वचा में लगी चोट को छूने से होता है, जैसे काटने या खरोंच से, या संक्रमित जानवर के रक्त, शारीरिक तरल पदार्थ या चेचक के घावों के सीधे संपर्क के माध्यम से।

मंकी पॉक्स रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है, लेकिन यह कम सामान्य है। व्यक्ति-से-व्यक्ति प्रसार (संचरण) तब होता है जब आप किसी अन्य व्यक्ति के वायरस कणों के संपर्क में आते हैं।जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो वायरस हवाई बूंदों (airborne droplets) के माध्यम से फैल सकता है। यह रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स (Respiratory droplets) के माध्यम से फैलता है।

इसके लिए लंबे समय तक आमने-सामने के संपर्क की आवश्यकता होती है।आप सीधे संक्रमित व्यक्ति के घावों को छूने से इस वायरस के संपर्क में आ सकते हैं। वायरस से संक्रमित पदार्थों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में आने से भी आपको मंकी पॉक्स हो सकता है।

इन सामग्रियों में संक्रमित व्यक्ति या जानवर द्वारा उपयोग किए जाने वाले कपड़े और बिस्तर शामिल हो सकते हैं।

क्या मंकीपॉक्स वायरस का इलाज संभव है

मंकी पॉक्स के लिए वर्तमान में कोई सिद्ध और सुरक्षित उपचार उपलब्ध नहीं है।इस वायरस में एंटीवायरल दवाएं (Antiviral drugs) लाभदायक हो सकती हैं, लेकिन उन्हें मंकीपॉक्स के इलाज के रूप में अध्ययन नहीं किया गया है।ज्यादातर लोग बिना इलाज के अपने आप ठीक हो जाते हैं।मंकी पॉक्स बीमारी में डॉक्टर चेचक के दवाओं का प्रयोग कर सकते हैं।

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