नई दिल्ली। कोविड संकट के बीच सोमवार से संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया। संसद की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने कोरोना से निपटने के तरीके, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि, किसान आंदोलन और पेगासस सॉफ्टवेयर स्कैंडल के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन को अपने नए मंत्रियों का परिचय करा रहे थे। इसके बावजूद जारी हंगामा जारी रहा। इससे नाराज पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोगों को नाहिलाओं, दलितों और आदिवासी का मंत्री बनना रास नहीं आ रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज बड़ी संख्या में महिलाओं, दलितों, आदिवासी, किसान और ग्रामीण परिवारों से आने वाले लोगों को मंत्री बनने का मौका मिला है। इस पर सभी को खुशी होनी चाहिए थी। उनका मेज थपथपाकर स्वागत करना चाहिए था, लेकिन कुछ लोगों को दलितों, महिलाओं और पिछड़ों का मंत्री बनना रास नहीं आता है।
इसलिए वे उनका परिचय नहीं कराने दे रहे हैं। विपक्ष के हंगामे को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह परंपरा ठीक नहीं है।
लोकसभा अध्यक्ष की नाराजगी जाहिर करने के बावजूद पेगासस सॉफ्टवेयर स्कैंडल और महंगाई समेत कई अहम मुद्दों को लेकर विपक्ष का हंगामाजारी रहा। विपक्ष के हंगामे के चलते प्रधानमंत्री को बीच में ही रुकना पड़ा।
बताते चलें कि इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने सदन के सभी सदस्यों से आग्रह किया है कि अगर वो समय निकालें तो उन्हें मैं महामारी के संबंध में सारी विस्तृत जानकारी देना चाहता हूं। हम सदन के अंदर और सदन के बाहर भी चर्चा चाहते हैं।