बेहद शातिर दिमाग है नक्सली कमांडर हिडमा, अद्यतन फोटो तक उपलब्ध नहीं

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स्पेसल डेस्क। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शनिवार को हुये नक्सली हमले की परतें खुलने लगी हैं। इस नक्सली हमले का मास्टर माइंड मोस्ट वांटेड नक्सली हिडमा है। खुफिया एवं सुरक्षा बालों के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक़ सुरक्षाबलों को ख़ुफ़िया जानकारी मिली थी कि मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर हिडमा छत्तीसगढ़ के जंगलों में छिपा है। इस खुफिया सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन शुरू किया, जिसमे 22 जवान शहीद हो गए जबकि 31 जवान घायल हुए हैं।

सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर सुरक्षाबलों की नक्सलियों से हुई इस मुठभेड़ के पहले बहुत ही शातिर योजना तैयार की गई थी। इसके पीछे मोस्ट वांटेड नक्सली हिडमा का डिमॉक्स था। ख़ुफ़िया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ हिडमा ने दुर्दांत माओवादी नेता रमन्ना की जगह ली है। रमन्ना पर 1.4 करोड़ रुपए का इनाम था। रमन्ना की मौत के बाद सीपीआई (माओवादी) संगठन ने हिडमा को स्पेशल जोनल कमेटी का चीफ बनाया। उसके ग्रुप में महिलाएं भी शामिल हैं।

हिडमा को छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के खिलाफ हमलों को अंजाम देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हिड़मा 50 लाख का इनामी है। लगभग 40 साल उम्र के नक्सली कमांडर हिडमा सुकमा जिले के पुवर्ती गांव का आदिवासी है। हिडमा 90 के दशक में सीपीआई (माओवादी) से जुड़ा। वह घातक हमलों के लिए कुख्यात है। इस दुर्दांत नक्सली की कोई अद्यतन फोटो तक उपलब्ध नहीं है।

इस बड़े नक्सली हमले के पीछे खुफिया नाकामी भी जिम्मेदार है। आखिर क्या वजह है कि बार-बार हमारे जवान नक्सली हमले का शिकार हो जाते हैं। खबरों के मुताबिक़ हिडमा और कुछ अन्य नक्सलियों के छिपे होने की ख़ुफ़िया सुचना के बाद ही सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन शुरू किया। ख़ुफ़िया एजेंसियों को शायद आधी अधूरी जानकारी थी। हिडमा अपनी पूरी बटालियन के साथ वहां पर सुरक्षा बलों का इन्तजार कर रहा था। मौके पर पहुँचने पर सुरक्षा बलों पर तीन तरफ से हमला हुआ।

हमेशा की तरह फिर लकीर पीटने का काम किया जा रहा है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि जवानों की शहादत को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। कल शाम को उन्होंने हाई लेवल मीटिंग भी की थी। नक्सलियों के खात्मे की बातें हर बड़ी घटना के बाद की जाती रही है। लेकिन खामियों पर गौर नहीं किया जाता।

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