img

Up Kiran, Digital Desk: चुनावों का शोर और फिर नतीजों का रोमांच, यह भारत की राजनीति का एक अहम हिस्सा है. बिहार की जनता ने एक बार फिर अपना जनादेश दे दिया है, और इस बार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) ने शानदार वापसी करते हुए सत्ता की बागडोर थाम ली है. यह सिर्फ एक चुनावी जीत नहीं, बल्कि मतदाताओं का 'सुशासन' और 'स्थिरता' पर भरोसा जताने का एक और बड़ा संकेत है. जहां एक ओर NDA खेमे में जश्न का माहौल है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बड़ी जीत के बाद अपना अगला राजनीतिक लक्ष्य भी स्पष्ट कर दिया है – अब उनकी निगाहें पश्चिम बंगाल पर टिकी हैं.

NDA का बिहार में डंका, विपक्ष पस्त

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA गठबंधन ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए कुल 202 सीटों पर कब्जा जमाया है. यह संख्या इतनी बड़ी है कि इसे एक 'प्रचंड बहुमत' और 'सुनामी' जैसा माना जा रहा है. भाजपा और जदयू की भूमिका इस जीत में महत्वपूर्ण रही, और नतीजतन, नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगे, यह तय माना जा रहा है. जनता ने विकास के मुद्दों पर अपना विश्वास जताया है और डबल इंजन सरकार के प्रयासों को सराहा है.

दूसरी तरफ, विपक्षी महागठबंधन, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस शामिल हैं, बुरी तरह पिछड़ गया है. महागठबंधन को सिर्फ 35 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा, जो उनकी उम्मीदों से कहीं कम है. कई जिलों में तो महागठबंधन अपना खाता भी नहीं खोल पाया, जिससे यह साफ है कि उनके चुनावी समीकरण और रणनीतियां इस बार जनता को प्रभावित नहीं कर पाईं आरजेडी भले ही सबसे बड़ी एकल पार्टी के तौर पर कुछ वोटों के मामले में आगे रही हो, लेकिन सीटों के मामले में वह भाजपा और जदयू दोनों से पीछे रह गई है. इस परिणाम ने महागठबंधन की राजनीतिक ताकत को काफी हद तक कम कर दिया है

पीएम मोदी की नजर अब बंगाल पर

बिहार की ऐतिहासिक जीत के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना अगला राजनीतिक मोर्चा पश्चिम बंगाल पर केंद्रित कर दिया है. उन्होंने दिल्ली में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार का यह जनादेश पश्चिम बंगाल में भी बदलाव का रास्ता तैयार करेगा. उन्होंने 'जंगलराज' खत्म करने और भाजपा की जीत का मार्ग प्रशस्त करने की बात कही, जो स्पष्ट रूप से 2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की ओर इशारा है

पीएम मोदी के इस बयान से पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं. यह दिखाता है कि बिहार की जीत ने भाजपा का आत्मविश्वास और हौसला बढ़ाया है, और अब उनकी रणनीति पूर्वी भारत के इस महत्वपूर्ण राज्य पर मजबूत पकड़ बनाने की होगी.

कुल मिलाकर, बिहार ने NDA को फिर से सत्ता सौंपकर अपनी राजनीतिक समझ का परिचय दिया है. यह परिणाम न केवल वर्तमान राजनीति को दर्शाता है, बल्कि आने वाले समय में देश के अन्य हिस्सों, खासकर पश्चिम बंगाल की चुनावी रणनीति को भी काफी हद तक प्रभावित करेगा.