बीते कुछ दिनों से देशभर में बारिश के कारण बिगड़ते हालातों की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। इस मौसम में कई सारी बीमारियां और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। आई फ्लू इन्हीं समस्याओं में से एक है, जो इन दिनों तेजी से फैल रहा है। देश के कई हिस्सों से लगातार आईफ्लू के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि आपको आईफ्लू से रिलेटिड सारी जानकारी हो। इस संक्रमण और इसके टाइप्स के बारे में डिटेल में जाना आपके लिए बहुत जरूरी है।
आईफ्लू के बारे में एक्सपर्ट बताते हैं कि आईफ्लू जिसे आमतौर पर पिंक आई या कंजक्टिवाइटिस कहा जाता है, यह एक कंजक्टिवाइटिस की सूजन है। कंडक्टिव एक पतली पारदर्शी परत है जो आपके सामने की सतह और पलकों के अंदर की रेखा को कवर करती है। वहीं बात करें इसके टाइप की तो आईफ्लू कई तरह के होते हैं।
सबसे पहले आता है वायरल कंजक्टिवाइटिस। कंजक्टिवाइटिस का यह प्रकार सबसे ज्यादा कॉमन है और यह एक वायरल इंफेक्शन के कारण होता है या फिर वही वायरस होते हैं जो सामान्य सर्दी के कारण बनते हैं। यह इन्फेक्टेड आंखों के लिक्विड के कॉन्टैक्ट में आने से फैलता है और बहुत ज्यादा इंफेक्शन होता है। इसमें आंखें लाल होती हैं, फ्लूड डिस्चार्ज होता है, खुजली और लाइट सेंसिटिविटी इसके सिम्टम्स हैं। यह आमतौर पर एक या दो सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाता है। अगर आप ऐसे में आंखों को ज्यादा रब करते हैं या फिर अपने आप आंखों को ठीक करने की कोशिश करते हैं तो ऐसे में आपको ब्लाइंडनेस की प्रॉब्लम भी हो सकती है।
अब आता है बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस। यह इंफेक्शन आमतौर पर चप्पलों को ऑरियस और स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया बैक्टीरिया के कारण होता है। इसमें आंखों के चारों ओर रेडनेस, सूजन, चिपचिपा या पस जैसे डिस्चार्ज और पपड़ी जम जाती है। यह बहुत ज्यादा इंफेक्शन भी होता है। बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस का इलाज आमतौर पर एंटीबायोटिक, आईड्रॉप या फिर मलहम से किया जा सकता है।
अब बात करते हैं एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस की या फिर पालतू जानवरों की। रूसी, धूल के कण या फिर केमिकल वाले और कई तरह के एलर्जी इस तरह के आईफ्लू का कारण बन सकती हैं। इस इनफेक्शन में दोनों आंखों में गंभीर जलन, रेडनेस और लिक्विड डिस्चार्ज हो सकता है। एलर्जी से बचने के अलावा एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस का इलाज अक्सर एंटीहिस्टामाइन, आईड्रॉप या फिर ओरल दवाओं से किया जा सकता है और यह फैलता नहीं है।
केमिकल कंजक्टिवाइटिस आई फ्लू का यह टाइप धुएं एसिड या फिर अल्कलाइन जैसे सब्सटांस के कॉन्टैक्ट में आने से डेवलप हो सकता है। इस प्रॉब्लम में आंखों में गंभीर खुजली, रेडनेस और ब्लर विजन हो सकता है।
क्या संक्रमित व्यक्ति को देखने से फैलता है ये वायरस
इसके इलाज का सबसे अच्छा तरीका है कि सबसे पहले आंखों को पानी से अच्छी तरह से धो लें और फिर डॉक्टर से कॉन्टैक्ट करें। अगर बात करें किसी आयुर्वेदिक आईड्रॉप की जो आप इंफेक्शन होने पर इस्तेमाल कर सकते हैं जो आपको आई रेडनेस में भी रिलीफ करेंगे तो आप आयुर्वेद में रिलीफ ड्रॉप भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह रेड आई इंफेक्शन को कम करने में हेल्प करता है। इसे हजार से ज्यादा यूजर्स ने फोर पॉइंट फाइव स्टार की रेटिंग दी है। बता दें कि आई फ्लू देखने से नहीं फैलता है।
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