
Bangladesh economy crisis: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने ईद के मौके पर सरकारी कर्मचारियों के लिए 9 दिन की लंबी छुट्टी का ऐलान किया है। रमजान के बीच जारी इस अधिसूचना को सरकार ने मुस्लिमों के लिए खुशहाली का तोह;फा बताया है। मगर देश में आसमान छूती महंगाई ने इस खुशी को मातम में बदल दिया है। जहां एक ओर लोग छुट्टियों की योजना बना रहे हैं। वहीं बढ़ती कीमतों ने आम जनता के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं।
इस देश में खाद्य पदार्थों की कीमतें बेकाबू हो चुकी हैं। विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, थोक बाजार में आलू 30 टका (लगभग 22 रुपये) प्रति किलो बिक रहा है। तो वहीं चीनी की कीमत 120 टका प्रति किलो तक पहुंच गई है।
प्याज 50 टका, बैंगन 90 टका और टमाटर 30 टका प्रति किलो के भाव से बाजार में बिक रहे हैं। रमजान के दौरान चिकन की मांग बढ़ने से इसकी कीमत में भी 3 % का उछाल आया है। ये सब तब हो रहा है जब सरकार खुद कई शहरों में स्टॉल लगाकर चि;कन और अन्य जरूरी सामान बेचने की कोशिश कर रही है। सोयाबीन तेल जैसे रोजमर्रा के खाने पीने की चीजें भी आम लोगों की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं।
एक लोकल दुकानदार ने बताया कि रमजान में हर साल खर्च बढ़ता है, मगर इस बार तो हालत पतली हो गई है। लोग ईद की तैयारी कैसे करेंगे? बाजार में बढ़ती कीमतों ने त्योहार के जश्न को फीका कर दिया है।
भारत से चलते विवाद ने फीका किया त्योहार का रंग
पड़ोसी देश में महंगाई बढ़ने की एक बड़ी वजह भारत के साथ खराब होते रिश्ते माने जा रहे हैं। नई अंतरिम सरकार ने भारत के साथ व्यापार को कम करने का निर्णय लिया है। इसका असर फूड स्पलाई पर पड़ा है। भारत से आने वाले अनाज, सब्जियां और अन्य जरूरी सामा'नों की कमी ने कीमतों को हवा दी है। हाल ही में सरकार ने महंगाई पर काबू पाने के लिए खाने पीने की चीजों पर टैक्स घटाने और बड़े शहरों में सस्ते दामों पर सामान बेचने की योजना शुरू की थी। मगर ये कदम अब तक नाकाफी साबित हुए हैं।