नई दिल्ली। चीन से तनाव के बीच भारतीय सेना इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल करके अमेरिका से हॉवित्जर तोपों के लिए उत्कृष्ट गोला बारूद खरीदेगी। एक्सकैलिबर गोला-बारूद खरीदने का आदेश 19 जून को दिया गया है। केंद्र सरकार ने 21 जून को चीनी सेना के खिलाफ हर तरह की कार्रवाई के लिए भारतीय जवानों को खुली छूट देने के साथ ही युद्ध की तैयारी के लिए तीनों सेनाओं को 500 करोड़ का इमरजेंसी फंड जारी किया है।
एक्सकैलिबर गोला-बारूद को अमेरिका ने अफगानिस्तान युद्ध में सटीक निशाना साधने के लिए विकसित किया था, जहां वह करीब दो दशकों तक युद्ध लड़ता रहा। इन गोला बारूद का इस्तेमाल हवा के साथ-साथ बंकर जैसे मजबूत ढांचों को भी तबाह करने में किया जा सकता है। घनी आबादी के पास किसी अन्य को नुकसान पहुंचाए बिना दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने की क्षमता प्राप्त करने के लिए भारतीय सेना लंबी दूरी की गाइडेड गोला-बारूद खरीदने जा रही है। GPS से लैस ये तोप के गोले 50 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर सकते हैं।
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सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना आपात खरीद प्रक्रिया के तहत अमेरिकी हथियार निर्माता कंपनी होवित्जर से ये गोला-बारूद खरीद रही है। इन गोला-बारूद को पहले खासतौर पर नियंत्रण रेखा पर तैनात तोपों के लिए खरीदने की योजना थी जहां पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी आए दिन की बात हो गई है। इस बीच चीन से तनाव बढ़ने और गलवान घाटी में दोनों पक्षों के सैनिकों में हिंसक संघर्ष होने के बाद केंद्र सरकार ने तीनों सेनाओं को 500 करोड़ का इमरजेंसी फंड जारी कर दिया।
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इस बीच एक बैठक में सेना के अधिकारियों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अमेरिका से गाइडेड गोला-बारूद खरीदे जाने की जानकारी दी। इसके साथ ही सेना ने अमेरिका निर्मित एम-777 अत्यंत हल्की होवित्जर तोप भी अपने बेड़े शामिल करने का फैसला लिया है, जिससे एक्सकैलिबर गोलों को दागा जा सकता है। सेना टैंक-रोधी गाइडेड मिसाइल स्पाइक खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू कर चुकी है।
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