अब बैंकों के दिवालिया होने पर नहीं डूबेगा पैसा, मोदी सरकार ने निकाला इसका तोड़

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नई दिल्ली॥ मोदी सरकार ने कैबिनेट बैठक में एक मसौदा तैयार कर रही है जिससे किसी बैंक और वित्तीय संस्थान के दिवालिया हो जाने के बाद जमाकर्ताओं और निवेशकों का पैसा डूबेगा नहीं बल्कि सुरक्षित रहेगा।

मालूम हो कि पंजाब एंड महाराष्ट्र सहकारी बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों में आम लोगों और निवेशकों का पैसा फंसने के मामले को केंद्र ने गंभीरता से लिया है। प्रस्तावित मसौदे के तहत वित्तीय मुसीबतों के समय में बैंकों और वित्तीय संस्थानों से जुड़े दावों के निपटान के लिए एक नया निकाय रिजोल्यूशन ॲथारिटी (आरए) बनाया जाएगा।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अगर बैंक विफल रहता है, तो आरए जमाकर्ताओं को सामान्य तौर पर जो मिला है उससे अधिक का भुगतान करने का निर्णय ले सकता है। वर्तमान में डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन द्वारा फिक्स्ड डिपॉजिट को केवल एक लाख रुपये प्रति खाते के लिए संरक्षित किया जाता है, चाहे डिपॉजिट की राशि कितनी भी हो।

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मोदी सरकार द्वारा कैबिनेट में प्रस्तावित नए निकाय आरए में सभी वित्तीय क्षेत्र के नियामकों जैसे कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय बीमा और नियामक विकास प्राधिकरण (इरडा) और सरकार शामिल रहेंगे।

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