अब UP के इस जिले का बदलेगा नाम, जानिए क्या होगा नया नाम

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सुलतानपुर। भगवान श्रीराम के पुत्र कुश की बसाई कुशनगरी में अब पूरी रामायण श्रृंखला तैयार होगी। यहां पर 35 लाख की लागत से राम घाट, 32 लाख की लागत से हनुमान घाट बनेगा। बीस साल पुराने अबैध कब्जे, अतिक्रमण से मुक्त होकर सुंदर शहर बनेगा।
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सुलतानपुर होगा ‘कुशभवनपुर’, मुहल्लों के भी बदलेंगे नाम

गौरतलब है कि अवधनगरी के निकट बसा कुशभवनपुर जो वर्तमान समय में सुलतानपुर जिला के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि इसे भगवान श्रीराम के पुत्र कुश ने बसाया था। इसीलिए इसे कुशनगरी भी कहा जाता है। अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर निर्माण शुरू होते ही यहां की जनता में बेहद उत्साह है।  इस पौराणिक स्थल पर पूरी रामायण श्रृंखला तैयार होगी। इस श्रृंखला का बजट हेतु जिलाधिकारी के पास अनुमोदन के लिए भेज दिया गया है। रेलवे पुल के बगल कच्चे घाट को लक्ष्मण घाट के नाम से बनाया जाएगा। इसी प्रकार नगर के कई मुहल्लों का नाम भी बदला जाएगा। जैसे बाधमण्डी चौराहे का नाम गुरुतेग बहादुर चौराहा होगा।
  पहली बार महिला नगरपालिका अध्यक्ष बनी बबिता जायसवाल ने शहर को सुंदर बनाने की ठान ली। अतिक्रमण हटाओ अभियान जोरो पर है। पुराने से पुराने अतिक्रमण को भी ध्वस्त कर दिया जा रहा है। बूथ कार्यकर्ता से नगरपालिका अध्यक्ष के सफर की कहानी के साथ नगर के विकास, भावी योजनाओं सहित तमाम मुद्दों पर बेबाकी से बबिता जायसवाल ने हिन्दुस्थान समाचार’ से बात करते हुए बतायीं।

बूथ कार्यकर्ता से चेयरमैन की कुर्सी का सफर

राजनीतिक सफर पर चर्चा करते हुए श्रीमती बबिता ने बताया कि सन् 1990 में नगर के अजय कुमार जायसवाल से मेरी शादी हुई। ससुर जी जनसंघ से जुड़े थे। 1991 से बूथ कार्यकर्ता सहित जिले के भारतीय जनता पार्टी की जिला मंत्री, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष पद के दायित्व का निर्वहन किया। 1996 से अपने ऊन के दुकान पर बैठती रही। जनता के प्यार, आशीर्वाद और समर्थन से नगरपालिका अध्यक्ष पद के दायित्व का निवर्हन कर रही हूं। सभी सभासदों, प्रशासन एवं जनता के सहयोग से नगर का विकास दिन प्रतिदिन आगे की ओर बढ़ रहा है।
 चुनाव के समय जनता से महत्वपूर्ण वादों के सवाल पर उन्होंने कहा कि नगरपालिका की पहली बैठक में ही जिले का नाम ‘कुशभवनपुर’ पारित कर शासन को भेज दिया गया है। जनवरी 2018 में नगर को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए महीने भर अभियान चला। वर्तमान समय में भी शहर को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान चल रहा है। राहुल चौराहा पर पिछले आठ साल से अवैध कब्जे करके मुर्गी, बकरे काटे जाते थे। इसे खाली कराकर वहां पर शहीदों के सम्मान में पार्क बनाया गया। साथ ही पाँच सीट का डीलक्स शौचालय बन गया। लालडिग्गी चैराहा को अतिक्रमण मुक्त कराकर होम्योपैथी एसोसियेशन को दे दिया गया। वहां पर उन्होंने पार्क का निमार्ण कराया। ठठेरी बाजार चैराहा सहित कई स्थानों को अतिक्रमण मुक्त करके पार्क का निर्माण कराया गया है।

तीन साल में तीन सौ सड़कों का हुआ कायाकल्प

श्रीमती जायसवाल ने बताया कि नगर में तीन साल में तीन सौ सड़के बनी हैं। पर्यावरण पार्क में एक करोड़ 27 लाख की लागत से सुंदरीकरण का कार्य किया है। जहां पर कच्ची सड़कें थी एक भी ईंट नहीं लगा था, वहां पर भी सड़कें बन गयी। चालीस साल पुराने सिविल लाइन वार्ड को अतिक्रमण मुक्त करके लाल बहादुर शास्त्री का पार्क बनाया गया। सन् 1965 से विवेकनगर में एक चबूतरा बना था उस पर पार्क का निमार्ण कार्य करके स्वामी विवेकानन्द की मूर्ति लग रही है। पयागीपुर में स्थित बैंक कालोनी में दस विस्वा में पार्क का निमार्ण कार्य चल रहा है।
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