वैसे तो महिलाओं की सहभागिता को लेकर लम्बी डिबेट की जा सकती है. क्योंकि महिलाओं को अभी तक खासकर भारत में वो स्थान नहीं मिला है जिसकी हकदार वो है, लेकिन एक ताज़ा उदाहरण सामने आय है जिससे लगता है कि अब दिन बदलने वाला है. जी हां भारत में चार रेलवे स्टेशन ऐसे हैं जो केवल महिला कर्मचारियों की देखभाल में हैं। यानि इन रेलवे स्टेशनों का सारा प्रशासन सिर्फ महिलाओं के हाथ में है। इन स्टेशनों पर स्टेशन मास्टर हो या टिकट कलेक्टर, गार्ड हो या कोई अन्य कर्मचारी हर पद पर महिलाये ही नियुक्त हैं।
बता दें कि इस के बारे में महिला सशक्तिकरण का महत्व बताते हुए रेल मंत्री पियूष गोयल ने कई ट्वीट भी किए और कई पत्रकार वार्ताओं में में भी बताया है। इन स्टेशनों पर मौजूद हर विभाग की जिम्मेदारी महिलायें ही संभालती हैं। आइये जाने कौन से हैं ये रेलवे स्टेशन।
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गांधी नगर रेलवे स्टेशन
राजस्थान में जयपुर का गांधी नगर रेलवे स्टेशन देश का पहला पूर्णत महिला रेलवे स्टेशन बना था हालाकि उसी समय महाराष्ट्र में भी एक स्टेशन में करीब करीब सभी महिला कर्मचारी भर्ती हो रही थीं, पर कुछ पहले सभी पदों पर महिलाओं को नियुक्त करके गांधी नगर स्टेशन ने बाजी मार ली थी।
माटुंगा रेलवे स्टेशन
दूसरा नंबर महाराष्ट्र के माटुंगा रेलवे स्टेशन का जिसे महिलाओं द्वारा संभाला जा रहा है। आईएनएस की रिर्पोट के अनुसार यहां पर स्टेशन मास्टर से लेकर उदघोषक तक करीब 41 महिला कर्मचारी कार्यरत हैं। इस स्टेशन का नाम महिला कर्मचारियों के चलते लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में भी शामिल किया गया है।
बांसवडी रेलवे स्टेशन
कनाटक के बेंगलुरू में बांसवडी रेलवे स्टेशन देश का तीसरा और दक्षिण पश्चिमी जोन का पहला पूर्णत महिला संचालित रेलवे स्टेशन है। यहां करीब 16 महिला कर्मचारी हैं जिनमें ट्रेन के ट्रैक बदलने की जिम्मेदारी संभालने वाले प्वाइंट कर्मचारी भी शामिल हैं। यहां 24 घंटों का दायित्व संभालने के लिए तीन स्टेशन मास्टर महिलायें भी हैं।
फिरंगीपुरम रेलवे स्टेशन
चौथा है आंध्र प्रदेश के गुंतूर-नरसराओपेट रेल मार्ग पर पड़ने वाला स्टेशन फिरंगीपुरम। यहां भी सभी काम महिलाओं के हवाले ही है। इस स्टेशन पर भी स्टेशन मास्टर, सिग्नल क्रू और टिकट चेकर तक सभी पदों पर महिलायें ही नियुक्त की गई हैं।
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