Hindi Diwas: 14 सितंबर को ही, क्यो मनाया जाता है हिन्दी दिवस, जाने…

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नई दिल्ली, 11 सितंबर यूपी किरण। अंग्रेजी भाषा के दिन-प्रतिदिन बढ़ते चलन और हिंदी की अनदेखी को रोकने के लिए हर साल 14 सितंबर को देशभर में हिंदी दिवस (Hindi Diwas) मनाया जाता है। वहीं आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था, और इसके बाद से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) के रूप में मनाया जाने लगा। तो आइए जानते हैं, क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस…

हिंदी दिवस का इतिहास

हिंदी को सर्बप्रथम 14 सितंबर, 1949 के दिन राजभाषा का दर्जा मिला था, जिसके बाद हर साल इस दिन को हिंदी दिवस (Hindi Diwas)  के रूप में मनाया जाने लगा। बता दें कि देश जब साल 1947 में अंग्रेजों की हुकूमत से आजाद हुआ था, तो देश के सामने भाषा को लेकर एक सबसे बड़ा सवाल खड़ा था। सवाल यह था कि भारत की राष्ट्रभाषा कौन सी होगी।

यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण था, इसलिए काफी विचार करने के बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा के रूप में चुना गया। संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया।

हिंदी की खास बात यह है कि इसमें जिस भी शब्द को जिस प्रकार से उच्चारित किया जाता है, उसे लिपि में भी उसी प्रकार लिखा भी है। आपको बता दें कि 14 सितंबर, 1949 के दिन ही हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला था। क्योंकि देश के लगभग 77% लोग हिंदी लिखते, पढ़ते, बोलते और समझते हैं। हिंदी उनके कामकाज का भी हिस्सा है।

वहीं देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, कि इस दिन के महत्व को देखते हुए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाएगा। ज्ञात हो कि, प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस (Hindi Diwas)  मनाया जाता है।

 

 

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