पौड़ी और उत्तरकाशी में बीती शाम मूसलधार वर्षा के कारण आफत आ गई। दोनों शहरों में बादल फटने की घटनाओं से कई एकड़ कृषि भूमि बह गई। पानी और मलबे की चपेट में आने से करीब 24 से ज्यादा भवन और गोशाला क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे स्थानीय निवासियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण दो मवेशियों की मौत हो गई। प्रभावित इलाकों में फसलें नष्ट हो गईं और स्थानीय किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है, मगर वर्षा के कारण बचाव कार्यों में भी बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन सेवाएं तैनात कर दी गई हैं और राहत सामग्री भी वितरित की जा रही है। जिन भवनों और गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है, वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन ने संभावित जोखिम क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया जारी है।
इस विपदा के बाद स्थानीय निवासियों में भय और चिंता का माहौल है। प्रशासन की ओर से लगातार स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है और प्रभावित क्षेत्रों में सभी आवश्यक संसाधनों को जुटाया जा रहा है ताकि स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके।
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