चंडीगढ़। प्रधानमंत्री आवास योजना की कर्यप्रणाली के चलते हरियाणा सरकार सवालों के लाल घेरे में आती नजर आ रही है। दरअसल आपको बतादें की, यह जानकर आपको शायद ताज्जुब होगा कि हरियाणा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अभी तक एक भी व्यक्ति को मकान नहीं मिल पाया है। इसकी बड़ी वजह सब्सिडी का अभाव है।
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जी हां बतादें की, शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने पिछले ढ़ाई साल से हाउसिंग बोर्ड को सब्सिडी का एक रुपया भी नहीं भेजा, जिस कारण करीब 2600 लोगों के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान आवंटित होने से लटके हुए हैं। ये मकान अलग-अलग शहरों में बनकर तैयार हैं।

हाउसिंग बोर्ड को सब्सिडी मिलने के बाद इन मकानों के अलाटमेंट लेटर जारी होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जिन मकानों का अलाटमेंट अभी तक नहीं हो पाया है, वह सभी शहरों में हैं। हालांकि कई मकान ऐसे हैं, जिनकी लोकेशन बहुत अच्छी नहीं है, लेकिन गरीब लोगों के लिए सिर छिपाने का यही बड़ा जरिया बन सकते हैं। अलाटमेंट लेटर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहले आओ-पहले पाओ स्कीम में 1950 लोगों को मकान आवंटित किए जाने हैं।
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दूसरी स्कीम 75/33 के तहत 711 अर्जियां आई थी, जिनमें से 69 को अपात्र मानते हुए काट दिया गया है। बाकी बचे 642 लोगों की सब्सिडी राशि 16 करोड़ 50 लाख रुपये है। इन 2600 मकानों की कुल सब्सिडी राशि 65 करोड़ रुपये बनती है, जो शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारी जारी नहीं कर रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक मकान पर ढ़ाई लाख रुपये की सब्सिडी मिलती है। मकान की बाकी कीमत के भुगतान के लिए पात्र व्यक्ति को बैंक से लोन लेने अथवा किसी भी जरिये से खुद भुगतान की सुविधा है। हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी पिछले लंबे समय से शहरी स्थानीय निकाय विभाग के पास से सब्सिडी आने का इंतजार कर रहे हैं।http://www.upkiran.org

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