Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटका के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने सोमवार को बड़ा खुलासा किया। उन्होंने पुष्टि की कि बेंगलुरु सेंट्रल जेल में कैदियों के टीवी देखने और एंड्रॉइड फोन का इस्तेमाल करने की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जेल के मुख्य अधीक्षक का तबादला कर दिया गया है। साथ ही दो अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया गया। मंत्री ने कहा कि इस घटना के बाद अब जेल का नेतृत्व एक आईपीएस अधिकारी करेंगे।
भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग की
जेल की आंतरिक जांच की घोषणा के कुछ घंटे बाद ही भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग को लेकर बेंगलुरु में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा ने इसे "गंभीर सुरक्षा चूक" बताते हुए इस मामले की एनआईए जांच की मांग की। भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च किया, लेकिन रास्ते में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र, विपक्ष के नेता आर अशोक और एन चालुवरैया स्वामी सहित कई नेताओं को एहतियातन शिवानंद सर्कल पर गिरफ्तार किया गया।
प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियाँ और पोस्टर ले रखे थे, और 'कृष्णा' के दिशा में बढ़ते हुए सिद्धारमैया के खिलाफ नारेबाजी की। विजयेंद्र ने आरोप लगाया कि कैदियों को वीआईपी सुविधाएं देना कर्नाटका जेल व्यवस्था में भ्रष्टाचार और मिलीभगत का संकेत है। वहीं, अशोक ने कहा कि कर्नाटका सरकार अब "मर चुकी" है, और सिर्फ एनआईए जांच ही इस मामले की सच्चाई सामने ला सकती है।
जेल अधिकारियों ने शुरू की आंतरिक जांच
इससे पहले शनिवार को, बेंगलुरु सेंट्रल जेल के अधिकारियों ने उस वीडियो के वायरल होने के बाद एक आंतरिक जांच शुरू की, जिसमें कई कैदियों को टीवी देखता और एंड्रॉइड फोन इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया था। वायरल वीडियो में एक विशेष क्लिप में बलात्कार के आरोपों का सामना कर रहे उमेश रेड्डी को एंड्रॉइड फोन का इस्तेमाल करते हुए देखा गया था। इसके साथ ही उसकी बैरक में एक टेलीविजन सेट भी लगा हुआ था। इसके अलावा, एक और वीडियो में कैदियों को पार्टी करते, नाचते और शराब व मांसाहारी भोजन का आनंद लेते हुए दिखाया गया था, जिसे देखकर राज्यभर में गुस्से की लहर फैल गई।



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