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Pitru dosh 2022 : हिन्दू धर्म में कहा गया है कि अगर पितर प्रसन्न रहते हैं, तो वे परिजनों को आशीर्वाद देते हैं जिससे उनका जीवन सुखी और निरोगी रहता है। वहीं अगर किसी कारण पितर नाराज हो जाते हैं तो परिजनों को कई प्रकार के कष्ट झेलने पड़ते हैं। धर्म शास्त्रों की मानें तो पितर या तो मोक्ष को प्राप्त करते हैं या फिर वे पृथ्वी लोक में पुनर्जन्म लेते हैं। परिजनों को चाहिए कि वे पितरों को प्रसन्न करने के लिए उनका विधि विधान से श्राद्ध करें और उनका तर्पणादि करें ताकि पितर कभी नाराज न हों और पितृ दोष न लगे। (Pitru dosh 2022)

पितृ दोष के लक्षण (Pitru dosh 2022)

  • घर -परिवार में आये दिन असामयिक निधन या दुर्घटनाओं का होना।
  • घर में विकलांग बच्चों का जन्म होना भी पितरों की नाराजगी का लक्ष्ण माना जाता है।
  • परिवार में किसी न किसे का हमेशा बीमार पड़े रहना।
  • बच्चो द्वारा घर के बड़े- बुजुर्गों का सम्मान न करना, आपस में लड़ाई-झगड़ा करना और बुजुर्गों को प्रताड़ित करना।
  • विवाहित महिला का गर्भ धारण न होना या असमय और अविकसित बच्चे का जन्म होना।
  • किसी सदस्य के विवाह में समस्याएं होना।बुरी लत लगना और बुरे लोगों की संगत होना।

पितृ दोष को दूर करने के उपाय (Pitru dosh 2022)

  • पितृ पक्ष में पितरों की मृत्यु तिथि पर तर्पण और पिंडदान कर श्राद्ध कर्म करें और जरूरत मंद ब्राह्मणों को भोजन कराएं। साथ ही उन्हें क्षमतानुसार दानादि करें।
  • सोमवाती अमावस्या के दिन पितरों के नाम पर पितृभोग दें और गोबर के कंडे जलाकर उन्हीं के नाम पर शुद्ध देशी घी की आहूति दें।
  • आसमयिक मृत्यु होने वाले के नाम पर नारायणबलि की पूजा करें और पितृ गायत्री का अनुष्ठान करवाएं।
  • पितरों के नाम पर पीपल का पौधा लगाकर पूर्वजों के मोक्ष की कामना करें। (Pitru dosh 2022)

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