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पूर्वज भी अपने वंशजों से मान सम्मान चाहते हैं। धार्मिक मान्यता है कि जब घर क़े किसी प्रिय की मौत होती है तो वह पितृदेव का रूप धारण कर लेते हैं और अदृश्य रहा कर भी अपने वंशजों की रक्षा करते हैं। वहीं अगर वंशज उनकी पूजा न करें या फिर तिरस्कार करें तो वे नाराज हो जाते हैं और अशुभ फल देने लगते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बताएंगे जिनके जरिये आप भी समझ जायेंगे कि आपके पितर नाराज हैं। (Pitru Paksha 2022)

काम में बाधा आना

कहते हैं कि अगर आपके कार्यों में बार-बार बाधा आ रही है और कोई काम सफल नहीं हो रहा है तो इसे पितरों के नाराजगी या फिर पितृदोष माना जाता है।(Pitru Paksha 2022)

गृहकलह रहना

शास्त्रों में बताया गया है कि घर में अक्सर लड़ाई-झगड़ा होना भी पितृ दोष माना जाता है।(Pitru Paksha 2022)

संतान सुख में बाधा

कहते हैं कि अगर पितृ नाराज रहते हैं तो संतान सुख में बाधा आती है। अगर संतान हुई है तो वह आपकी विरोधी रहेगी जिसे आपको कई तरह के कष्टों का सामना करना पड़ेगा।

विवाह में बाधा

ज्योतिषी बताते हैं कि पितरों के नाराज रहने से घर की किसी भी संतान का विवाह नहीं होता है। वहीं अगर हो भी जाए तो वैवाहिक जीवन में बहुत सी मुश्किलें आने लगती हैं।(Pitru Paksha 2022)

आकस्मिक नुकसान

पितृ के नाराज होने पर कई बारआकस्मिक नुकसान झेलना ड़ता है। जातक को गंभीर आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।

पितृदोष से निजात पाने के उपाय

पितरूण की नाराजगी दूर करने के लिए पितृपक्ष (Pitru Paksha 2022) में पिंडदान करना चाहिए। गो-दान करना चाहिए। पितरों की शांति के लिए अनुष्ठान करना चाहिए। कौवों को भोजन देना चाहिए।

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