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लखनऊ/अलीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के शताब्दी समारोह को वर्चुअल सम्बोधित करते हुए देश की तरक्की में एएमयू के योगदान को सराहा और कोरोना संक्रमण काल में भी यूनिवर्सिटी के कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बीते 100 वर्षों में एएमयू ने दुनिया के कई देशों से भारत के सम्बन्धों को सशक्त करने का भी काम किया है।

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एएमयू में नजर आया एक मिनी भारत

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां से तालीम लेकर निकले तमाम लोग दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हुए हैं। विदेश यात्रा में मिलते हैं। कोरोना संक्रमण के समय एएमयू ने जो मदद की, वह अमूल्य है। अभी कुछ दिन पहले चांसलर की एक चिठ्ठी मिली। उन्होंने वैक्सीन में हर मदद का भरोसा दिया है। एएमयू में एक मिनी भारत नजर आया है। यहां एक ओर उर्दू तो दूसरी ओर हिंदी पढ़ाई जाती है। फारसी है तो संस्कृत भी है। कुरान के साथ गीता भी पढ़ाई जाती है। यही देश की ताकत है। इसे कमजोर नहीं होने देंगे।

इस्लामिक वर्ल्ड के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा देती है रिसर्चॉ

उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) ने जिस तरह समाज की मदद की, वो अभूतपूर्व है। हजारों लोगों का मुफ्त टेस्ट करवाना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में बड़ी राशि का योगदान देना, समाज के प्रति आपके दायित्वों को पूरा करने की गम्भीरता को दिखाता है।

बीते सौ वर्षों में एएमयू ने दुनिया के कई देशों से भारत के सम्बन्धों को सशक्त करने का भी काम किया है। उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर यहां जो रिसर्च होती है, इस्लामिक साहित्य पर जो रिसर्च होती है, वो समूचे इस्लामिक वर्ल्ड के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा देती है।

बिना किसी मजहब और भेद के हर वर्ग तक पहुंच रही योजनाएं

उन्होंने कहा कि आज देश जो योजनाएं बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुंच रही हैं। बिना किसी भेदभाव, 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले। बिना किसी भेद-भाव के 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए। बिना किसी भेदभाव 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला। बिना किसी भेदभाव आयुष्मान योजना के तहत 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज संभव हुआ। मोदी ने कहा, जो देश का है वो हर देशवासी का है और इसका लाभ हर देशवासी को मिलना ही चाहिए। हमारी सरकार इसी भावना के साथ काम कर रही है।

उच्च शिक्षा में नामांकन और सीटें बढ़ाने के लिए लगातार कर रहे काम

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार उच्च शिक्षा में नामांकन की संख्या बढ़ाने और सीटें बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है। वर्ष 2014 में हमारे देश में 16 आईआईटी थी, आज 23 आईआईटी हैं। वर्ष 2014 में हमारे देश में 9 आईआईटी थी, आज 25 आईआईटी हैं।

वर्ष 2014 में हमारे यहां 13 आईआईएम थे, आज 20 आईआईएम हैं। चिकित्सा शिक्षा को लेकर भी बहुत काम किया गया है। छह साल पहले तक देश में सिर्फ 7 एम्स थे। आज देश में 22 एम्स हैं। शिक्षा चाहे ऑनलाइन हो या फिर ऑफलाइन सभी तक पहुंचे, बराबरी से पहुंचे, सभी का जीवन बदले, हम इसी लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं।

राष्ट्र निर्माण में एएमयू का महत्वपूर्ण योगदान: डॉ. निशंक

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सर सैयद अहमद खां को श्रद्धांजलि देते हुए कहा आज का दिन ऐतिहासिक है। 1964 के बाद प्रधानमंत्री हमारे बीच हैं। राष्ट्र निर्माण में एएमयू का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हर क्षेत्र में एएमयू ने लोग पैदा किए हैं। देश का पहला विवि है, जिसने 1920 में बेगम सुल्तान जहां को चांसलर बनाया है। ये हमारे महिलाओं के सम्मान को सर्चोच्चता पैदा करता है।

उन्होंने कहा कि सौ साल का समय कम नहीं होता, अनेक उतार- चढ़ाव आए होंगे। सौ साल की यात्रा ऐतिहासिक यात्रा है। 1964 में एएमयू के दीक्षा समारोह में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था कि देश की बफादारी सभी से ऊपर होती है। जेएनयू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नेशनल फर्स्ट होना चाहिए। एएमयू ने सामाजिक व शैक्षणिक योगदान दिया है। कोविड काल में एएमयू ने पीएम फंड में 1.4 करोड़ का योगदान दिया। दो लाख से ज्यादा कोविड परीक्षण यहां के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में हुए हैं।

शताब्दी समारोह का आयोजन यूनिवर्सिटी के लिए गर्व की बात: कुलपति

इससे पहले सुबह 10 बजे कुरान ख्वानी के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके लिए कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने कहा कि यह मौका हमारे लिए ऐतिहासिक है। शताब्दी समारोह का आयोजन पूरी यूनिवर्सिटी बिरादरी के लिए गर्व की बात है। मॉडर्न एजुकेशन का काम करना चाहते हैं। एएमयू के पूर्व छात्र यूनिवर्सिटी के विकास में अहम रोल अदा कर सकते हैं। हमारा एलुमनाई नेटवर्क बहुत ही यूनिक है। सर सैयद एकेडमी के निदेशक अली मोहम्मद नकवी ने विश्वविद्यालय की 100 वर्षों की उपलब्धियों को सामने रखा।
एएमयू वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर नईमा खातून ने महिलाओं की शिक्षा में एएमयू के योगदान पर कहा कि बेगम सुल्तान जहां ने जहां नारी शिक्षा के लिए काम किया, वहीं एएमयू के चांसलर भी बनीं। वीमेंस कॉलेज आज बहुत आगे पहुंच गया है। स्मार्ट क्लास से लेकर छात्राओं काे पढ़ाई से जुड़ी सारी सुविधाएं दी जा रही हैं।

सभी रुके रास्तों को खोला जा सकता है इल्म से: डॉ. सैयदना मुफददल

एएमयू के चांसलर व बोहरा समाज के धर्म गुरु डॉ. सैयदना मुफददल सैफुद्दीन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इस कार्यक्रम में बतौर मेहमान शामिल हुए हैं। उनकी अगुवाई में देश तरक्की करता रहे। तालीम हासिल करना हर मुसलमान पर फर्ज है। वो तालीम, तालीम नहीं जिसका कोई लाभ न हो। इल्म (ज्ञान) से सभी रुके रास्तों को खोला जा सकता है। उन्होंने कहा कि मैं अल्लाह से दुआ करता हूं, इस कोरोना वायरस से देश-दुनिया को जल्द निजात मिले। डॉक्टर व अन्य से इस मुसीबत में काम किया है। वैक्सीन लगाने की तैयारी है, इसे कामयाबी मिले। इल्म व अमन से हर मुश्किल को हल कर सकते हैं।

100 से अधिक देशों में सुना गया प्रधानमंत्री का सम्बोधन

प्रधानमंत्री मोदी का वर्चुअल सम्बोधन अलीगढ़ के अलावा दुनिया के 100 से अधिक देशों में सुना गया। एएमयू प्रशासन ने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों को जो दूसरे देशों में नौकरी कर रहे हैं या फिर वहां रह रहे हैं, उन्हें कार्यक्रम का लिंक उपलब्ध कराया गया।
यह विश्वविद्यालय के 100 वर्ष के इतिहास में पहली बार हुआ कि किसी कार्यक्रम में शामिल हो रहे मुख्य अतिथि को इतनी बड़ी संख्या में सुना गया। यह कार्यक्रम इसलिए भी ऐतिहासिक है, क्योंकि इससे पहले किसी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कार्यक्रम को ऑनलाइन सम्बोधित नहीं किया है। दुनिया में 100 से अधिक देशों में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र फैले हुए हैं।

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