लखनऊ, 27 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को पीएम स्वनिधि योजना (PM Swanidhi Scheme) के उत्तर प्रदेश के लाभार्थियों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में वर्चुअल संवाद करते हुए कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स (street vendors) के लिए बिना गारंटी (unsecured loan) के लोन की योजना आजादी के बाद पहली बार बनी है। इस प्रयास से गरीब के त्यौहार में भी रोशनी फैली है और यह बहुत बड़ा काम है। उन्होंने कहा कि आज का यह दिन आत्मनिर्भर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। कठिन से कठिन परिस्थिति का भी मुकाबला यह देश कैसे करता है, उत्तर प्रदेश के लोग कैसे संकट से लड़ने की ताकत रखते हैं, यह दिन इसका साक्षी है।
उन्होंने कहा पीएम स्वनिधि योजना (PM Swanidhi Scheme) ने गरीब के श्रम को यह सहयोग दिया है और आज हमारे रेहड़ी, पटरी, ठेले वाले साथी फिर से अपना काम शुरू कर पा रहे हैं। फिर से आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने एक जून को पीएम स्वनिधि योजना (PM Swanidhi Scheme) को लांच किया था और 2 जुलाई को यानी एक महीने में ही ऑनलाइन पोर्टल पर इसके लिए आवेदन मिलने शुरू हो गए। योजनाओं में यह गति देश पहली बार देख रहा है। गरीबों के लिए घोषणाएं इतनी जल्दी प्रभावी तरीके से जमीन पर उतरेगी, यह भूतकाल को देखते हुए कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था।
उन्होंने कहा कि कोरोना ने जब दुनिया पर हमला किया तब भारत के गरीब को लेकर तमाम आशंका व्यक्त की जाती थी। हमारे गरीब भाई-बहनों को कैसे कम से कम तकलीफ उठानी पड़े और कैसे गरीब इस मुसीबत से उबरें, सरकार के सभी प्रयासों के केंद्र में यही चिंता थी।
उन्होंने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स (street vendors) के लिए बिना गारंटी के किफायती लोन के लिए इस तरह की योजना तो आजादी के बाद पहली बार बनी है। आज देश आपके साथ खड़ा है। आपके श्रम का सम्मान कर रहा है। आज देश के सामाजिक ताने-बाने में आत्मनिर्भर भारत में इस अभियान में आप के योगदान को भी पहचान रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना में शुरुआत से ही इस बात का ध्यान रखा गया है कि हमारे रेहड़ी-पटरी वाले भाई-बहनों को किसी तरह की दिक्कत न हो। शुरू में कई लोग इसलिए परेशान थे कि उन्हे लोन लेने के लिए कौन-कौन से कागज लगाने पड़ेंगे, क्या गारंटी देनी पड़ेगी। इसलिए यह सुनिश्चित किया गया कि गरीबों के लिए बनी अन्य योजनाओं की तरह ही इस योजना में भी टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कोई कागज नहीं, कोई गारंटर नहीं, कोई दलाल भी नहीं और किसी सरकारी दफ्तर के बार-बार चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं है। आवेदन पत्र खुद भी ऑनलाइन अपलोड किया जा सकता है और किसी कॉमन सर्विस सेंटर, नगरपालिका कार्यालय या बैंक शाखा में जाकर भी आवेदन अपलोड किया जा सकता है। इसका परिणाम आज यह है कि किसी भी रेहड़ी-पटरी वाले को अपना काम फिर से शुरू करने के लिए किसी दूसरे के पास जाने की मजबूरी नहीं है।