
नई दिल्ली॥ भारतीय सरजमीं पर चीनी सैनिकों के कब्जों को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार केंद्र सरकार से सवाल कर रही है। इस क्रम में विपक्षी पार्टी ने बुधवार को एक बार फिर पूछा है कि भारतीय जमीन पर चीनी आक्रामकता की हकीकत क्या है? साथ ही भाजपा सांसद तापिर गाव के बयान को लेकर भी स्थिति स्पष्ट करने की मांग कांग्रेस ने की है।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी एवं सांसद गौरव गोगोई ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए जरिए पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जबसे भारतीय क्षेत्र में चीनी आक्रामकता के बारे में खबरें सामने आई हैं, एनडीए-भाजपा सरकार उन खबरों को कम करने और जमीन पर मौजूद तथ्यों को पलटने या टालने में लगी है। हालांकि पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच हाथापाई के वीडियो सामने आने के बाद से सीमा पर समस्या की पूरी तस्वीर देश के नागरिकों के लिए स्पष्ट होने लगी है।
मनीष तिवारी ने कहा कि हम गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो झील, पश्चिमी क्षेत्र में हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र और मध्य क्षेत्र में नाकु ला में चीनी घुसपैठ के संबंध में कुछ-कुछ जानते हैं। जबकि भारत के ईस्टर्न सेक्टर में परिस्थितियों के बारे में तस्वीर साफ नहीं है, जो शायद सबसे अधिक विवादित है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वो देशवासियों से सच को छुपाने के बजाय उन्हें सच बताए।
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कांग्रेस नेता ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष तथा सांसद तापिर गाव ने 18 जून,2020 को कहा है कि अरुणाचल प्रदेश में सुबानसरी दरिया के दोनों तरफ चीन की सेना ने कब्जा कर लिया और निर्माण किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि पीएलए ने मैकमहोन लाइन के 10-12 किलोमीटर अंदर माजा में भारतीय सेना के बेस पर भी कब्जा कर लिया है। पीएलए ने माजा इलाके में एक हाइड्रो पावर प्रॉजेक्ट भी लगा लिया है। इन्हीं बातों को लेकर कांग्रेस पार्टी सरकार से ये जानना चाहती है कि जो तापिर गाव कह रहे हैं, वो सही है या गलत? क्योंकि जब उन्होंने लोकसभा में ये बातें उठाई थी, तो कोई जवाब नहीं आया। सरकार अब भी चुप है। इन तथ्यों की सच्चाई क्या है?
वहीं गौरव गोगोई ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सभी विषय पर रणनीतिक स्तर पर पूरी तरह विफल रही है। इसी का नतीजा है कि आज तमाम समस्याएं देश के सामने खड़ी हो गई हैं।
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