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दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जनपद के कोकरनाग क्षेत्र में मंगलवार शाम दहशतगर्दों और सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हो गई। क्षेत्र में 3 से 4 दहशतगर्दों के छिपे होने की खुफिया जानकारी पर सर्च ऑपरेशन चला रही सुरक्षा बलों पर घात लगाए दहशतगर्दों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इस झड़प में सेना के दो बड़े अधिकारी और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी शहीद हो गए। दो जवानों के लापता होने की भी खबर है। शहीद जवानों में एक मेजर आशीष धौंचक के घर पर मातम पसरा हुआ है।

परिवार का रो रो कर बुरा हाल है। सबको उनके छुट्टी पर घर आने का इंतजार था। मगर बुधवार को आई उनकी शहादत की खबर ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। मेजर आशीष हरियाणा के पानीपत जिले के बिंझौल गांव के रहने वाले थे। जैसे ही अपने लाल के शहीद होने की खबर आई, पूरे गांव में मातम छा गया। तीन बहनों के इकलौते भाई मेजर आशीष चक 19 राष्ट्रीय राइफल्स के सिख लाइट इन्फैंट्री में तैनात थे।

मेजर आशीष का ये वादा रह गया अधूरा

इसी साल 15 अगस्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उन्हें सेना मैडल भी मिला था। आशीष का परिवार पानीपत के सेक्टर 7 में किराये के मकान पर रहता है। आशीष छह महीने पहले ही अपने साले की शादी में छुट्टी लेकर अपने ससुराल जींद आए थे। इस दौरान वो अपने माता पिता के पास पानीपत भी गए थे।

बताया जा रहा है कि टीडीआई सिटी में आशीष अपना घर बनवा रहे थे। अगले ही महीने गृह प्रवेश के मुहूर्त पर उन्होंने घर आने वादा किया था। 23 अक्टूबर को जिस दिन गृह प्रवेश था, उसी दिन आशीष का जन्मदिन भी था। माता पिता, पत्नी और छोटी सी बच्ची उनके घर आने की उम्मीद में बैठी थी। मगर आई तो सिर्फ उनकी मौत की खबर।

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