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अगले महीने 1 अप्रैल से उत्तराखंड में पीने का पानी भी नौ से 15 % तक एक्सपेंसिव होगा। इस हिसाब से लोगों को प्यास बुझाने के लिए 150 से लेकर 200 रुपये तक ज्याजा चुकाने पड़ेंगे। सरकार की व्यवस्था के अंतर्गत प्रति वर्ष एक अप्रैल से पानी के बिल में इजाफा किया जाता है।

शहरी इलाकों में पानी का बिल हाउस टैक्स के आधार पर तय होता है। यहां बिल में हर साल 15 % के लगभग इजाफा होता है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में घरों में लगे नलों की संख्या के आधार पर बिल और उसमें इजाफे का निर्धारण किया जाता है। 2 नल होने पर बिल में नौ % और दो से ज्यादा नल होने पर 15 % तक का इजाफा किया जाता है।

जल संस्थान प्रति 3 माह में पानी के बिल जारी करता है। मौजूदा वक्त में शहरी इलाकों में तीन महीने में 1385 रुपए का बिल चुकाना पड़ रहा है। इस लिहाज से प्रतिमाह 461 रुपए लोगों को चुकाना पड़ता है। मगर, एक अप्रैल से लोगों को प्रति बिल पर 150 से 200 रुपये तक ज्यादा पे करने पड़ेंगे।

आपको बता दें कि अभी तक जल संस्थान औसत के लिहाज बिल आता है। क्योंकि, कई जगह पानी के मीटर नहीं लगे हैं। मगर, अब राजधानी देहरादून में मेंहूवाला क्लस्टर योजना के अंतर्गत आने वाले इलाकों के साथ ही कई अन्य क्षेत्रों में पानी के मीटर लग गए हैं। लोगों को मीटर की रीडिंग के आधार पर बिल देना पड़ेगा। दूसरी तरफ मीटर का भी 16 रुपये ज्यादा चुकाना पड़ेगा। इन इलाकों में ज्यादा बिल चुकाना पड़ेगा।
 

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