रायगढ़ में शहर के बीचो-बीच मगरमच्छ निकलने की फैली अफवाह। सोमवार के दिन श्याम टाकीज क्षेत्र में सनसनी फैल गई। जब वहां रहने वाले एक परिवार के घर में मगरमच्छ निकलने की अफवाह फैल गई। जिसे बाद सर्प रक्षक की टीम वहां पहुंची। जिसने बताया कि यह कोई मगरमच्छ नहीं बल्कि एक बड़ी आकार की छिपकली है। जिसे बोलचाल की भाषा में गोह और अंग्रेजी भाषा में मानिटर लिजार्ड कहा जाता है। जिसे पकड़ने के बाद सुरक्षित रूप से वन विभाग की निगरानी में वन में छोड़ दिया गया।
बरसात का दौर शुरू हो गया है। ऐसे में ठंडे खून वाले जीव बारिश में भीगने से बचने के लिए कोई सूखा स्थान खोजते हैं। ऐसा ही सरीसृप है जिसे बोलचाल की भाषा में कोए कहते हैं। जो कि सोमवार के दिन शहर के बीचोबीच श्याम टाकीज पास एक सीमेंट खम्भे के व्यापारी के घर में निकला था। जिसे लोग मगरमच्छ समझ रहे थे। बाद मौके पर मीडिया कर्मी और सर्प रक्षक टीम के जय नारायण खर्रा मौके पहुंचे।
वहां पहुंचकर पता चला कि यह मगरमच्छ नहीं बल्कि एक बड़े आकार की कड़ी है, जिसे संरक्षित प्रजाति मॉनिटर लिजर्ड कहा जाता है। प्रतिदिन उसे पकड़कर उसकी जानकारी और सावधान रहने की बातों को जयनारायण जी के द्वारा बताया गया। उन्होंने कहा कि यह जो ठंडे खून की जीव होते हैं, गर्म जगह ढूंढते हुए घरों में आ जाते हैं। जिन्हें मारने की बजाय सर्प टीम को या वन विभाग को सूचना करनी चाहिए। मगरमच्छ न मिलने से लोगों ने राहत की सांस ली और सर्वे टीम को भी धन्यवाद कहा।
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