
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को रघुवंश प्रसाद सिंह को फोन कर उनका हाल जाना। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी रघुवंश बाबू की तबीयत को लेकर बातचीत की है। रघुवंश प्रसाद सिंह के आरजेडी से इस्तीफे की घोषणा के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बड़े नेताओं के उनसे संपर्क के साथ राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई है। रघुवंश बाबू के बड़े बेटे सत्यप्रकाश सिंह को गवर्नर कोटे से विधान पार्षद बनाए जाने को लेकर जदयू से बात चल रही है। हलांकि इस मामले में रघुवंश बाबू कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं।
लालू यादव के साथ 32 वर्षों तक साथ निभाने वाले रघुवंश बाबू ने आखिरकार पार्टी को अलविदा कह दिया। रघुवंश प्रसाद के दिल में पार्टी को लेकर कैसा दर्द होगा यह इससे ही समझा जा सकता है कि उन्होंने दिल्ली एम्स के आईसीयू में भर्ती होने के बाद भी हाथ से इस्तीफा लिखकर भेज दिया । हालांकि रघुवंश प्रसाद राजद के काम करने के तरीके और अपनी उपेक्षा से काफी वक्त से खुश नहीं थे। सवर्ण आरक्षण को लेकर रघुवंश का पहली बार पार्टी से विरोध हुआ था, मगर उस वक्त लालू ने उन्हें मना लिया था। लेकिन जैसे ही रामा सिंह के आने की राजद में खबर मिली उन्हें यह इतना नागवार गुजरा कि राजद को अलविदा कह दिया।