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श्योपुर में एक हैरतअंगेज घटना उजागर हुई, जिसमें एक शख्स, जिसे उसके परिवार ने मृत मान लिया था, अपनी तेरहवीं के दिन जिंदा घर लौट आया, जिससे पूरे गांव में सनसनी फैल गई।

हाल ही में, राजस्थान के सवाई माधोपुर में सूरवाल के निकट एक दुर्घटना की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें घायलों की पहचान करने में मदद मांगी गई। लहचोरा गांव के एक परिवार ने गलती से फोटो में जख्मी शख्स की शिनाख्त सुरेंद्र शर्मा के रूप में कर ली और उसे उपचार के लिए जयपुर ले गए। जयपुर में डॉक्टरों ने परिवार को बताया कि उपचार के दौरान सुरेंद्र की मृत्यु हो गई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधिकारी ने कहा कि परिवार ने शुरू में दुर्घटना में मृतक की पहचान सुरेंद्र के रूप में की थी। पोस्टमार्टम के बाद शव उन्हें सौंप दिया गया और 28 मई को अंतिम संस्कार किया गया

जब परिवार तेरहवीं के समारोह की तैयारी कर रहा था, तो उन्हें एक दिन पहले सुरेंद्र का फोन आया। शुरुआत में यह सोचकर कि यह एक शरारत है, उसके भाई ने वीडियो कॉल के ज़रिए पुष्टि करने के लिए कहा। जब उन्होंने वीडियो कॉल पर सुरेंद्र को जीवित देखा, तो उन्होंने तुरंत उसे घर आने के लिए कहा और समारोह की सभी तैयारियाँ रोक दीं।

ये गलतफहमी तब शुरू हुई जब सूरवाल में एक व्यक्ति की दुर्घटना में मौत हो गई। श्योपुर के एक सड़क किनारे के रेस्टोरेंट का बिल उसकी जेब से मिला, जिससे सूरवाल पुलिस को मृतक की पहचान करने में मदद मिली। सामाजिक कार्यकर्ता बिहारी सिंह सोलंकी ने मृतक की तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली, जिसमें सुरेंद्र के परिवार ने गलती से उसे सुरेंद्र के रूप में पहचान लिया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

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