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देश में एक बार फिर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर बहस शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अब इस पर खुलकर टिप्पणी करने लगे हैं. इतना ही नहीं तमाम राजनीतिक नेता भी इस पर टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं. माना जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार ने इसका मसौदा भी तैयार कर लिया है. बताया जा रहा है कि इसमें उत्तराखंड में बढ़ती जनसंख्या, शादी रजिस्ट्रेशन और हलाला और इद्दत पर प्रतिबंध समेत कई विषयों को शामिल किया गया है।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता...-

एक रिपोर्ट के मुताबिक, देवभूमि में समान नागरिक संहिता के लिए करीब 2 लाख 31 हजार सुझाव मांगे गए थे. इनमें से कुछ सुझावों को समान नागरिक संहिता के अंतिम मसौदे में शामिल किया जाएगा. उत्तराखंड की समान नागरिक संहिता देश की समान नागरिक संहिता का खाका या टेम्पलेट हो सकती है। अहम बात यह है कि विधि आयोग ने उत्तराखंड की यूसीसी कमेटी से भी चर्चा की है।

उत्तराखंड में यूसीसी ड्राफ्ट में आख़िर क्या है? -

  • - जनसंख्या नियंत्रण, बच्चों की संख्या तय हो सकेगी -
  • - लड़कियों की शादी की उम्र सीमा बढ़ाई जाएगी
  • - विवाह पंजीकरण अनिवार्य है. अन्यथा सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पायेगा.
  • - बहुविवाह पर रोक लगेगी
  • - तलाक के लिए पति-पत्नी दोनों को समान समर्थन मिलेगा।
  • - हलाला और इद्दत पर भी लगेगी रोक
  • - लिव-इन के संबंध में घोषणा पत्र जरूरी, अभिभावकों को सूचित किया जाएगा।
  • - विरासत में बेटी और बेटे दोनों का बराबर हिस्सा होता है.
  • - यदि कोई बच्चा अनाथ हो जाए तो उसके पालन-पोषण की प्रक्रिया आसान हो जाएगी
  • - पति-पत्नी के बीच विवाद की स्थिति में बच्चों की कस्टडी दादा-दादी के पास होगी।

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