ज्योतिष शास्त्र की तरह ही रत्न शास्त्र (Ratna Shastra) भी ग्रह नक्षत्रों के बारे में बताया गया है। रत्न जातक की कुंडली में मौजूद ग्रहों को मजबूत करने काम करते हैं। रत्न धारण करने से ग्रहों का शुभ फल मिलना शुरू हो जाता है। ग्रहों और राशियों से संबंधित रत्न धारण करने से जातक के जीवन में पॉजिटिविटी आने लगती है। ज्योतिषी बताते हैं कि कर्क राशि पर चंद्रदेव का आधिपत्य रहता है। ऐसे में कर्क राशि के जातकों को मोती धारण करना चाहिए। ये रत्न (Ratna Shastra) इन्हें सूट करता है शुभ फल देता है। हालांकि किसी विद्वान या ज्योतिष की सलाह से ही मोती रत्न धारण करना चाहिए। आइये जानते हैं धारण करने की विधि और इससे मिलने वाले लाभ के बारे में…
कैसे धारण करें मोती रत्न
रत्नों (Ratna Shastra) के जानकार बताते हैं कि किसी महीने के शुक्ल पक्ष के सोमवार या पूर्णिमा के दिन मोती रत्न धारण करना शुभ फलदायी। मोती को चांदी की अंगूठी में जड़वा कर पहना जा सकता है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस रत्न को धारण करने वाले दिन सबसे पहले अंगूठी को गंगाजल से शुद्ध कर लेना चाहिए। इसके बाद भगवान शिव को अर्पित करें और इसके बाद अपने हाथ की कनिष्ठा अंगुली में पहन लें
मोती रत्न धारण करने से लाभ
ज्योतिषी बताते हैं कि कर्क राशि के जातकों को अधिक गुस्सा आता है इसलिए उन्हें मोती रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। कहते हैं किमोती धारण करने से गुस्सा शांत होता है। (Ratna Shastra)
मोती रत्न (Ratna Shastra) कमजोर आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने का भी काम करता है। कहते हैं इस रत्न को धारण करने से कार्यों में सफलता मिलने लगती है।
कर्क राशि के जो लोग हमेशा तनाव में रहते हैं उन्हें मोती धारण करने की सलाह दी जाती। कहते हैं मोती मानसिक तनाव को दूर करता है। (Ratna Shastra)
Badshah का पोस्ट देख परेशान हुए फैंस, जानें पॉप स्टार ने क्या लिखा सोशल मीडिया पर
Uttarakhand में फिल्म नीति बनाने की कवायद तेज, मिलेंगे ये फायदे
--Advertisement--