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नई दिल्ली॥ पूरे देश में कोविड-19 महामारी के बीच मोदी सरकार मंगलवार से रेल सर्विस बहाल कर दी है। इसके अंतर्गत 15 शहरों के लिए 15 ट्रेनें शुरू कर दी गई हैं। लेकिन मोदी सरकार के इस कदम से एक नया विरोध शुरू हो गया है। लॉकडाउन के बीच ट्रेनों को शुरू करने के सरकार के फैसले से कई राज्यों ने आपत्ति जताई है।

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तेलंगाना, तमिलनाडु, बिहार, और बंगाल जैसे राज्यों ने इसको लेकर विरोध जताया है। 5 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बताया कि इससे कोविड-19 का संक्रमण और तेजी से फैलने का खतरा बढ़ गया है। वहीं कुछ राज्य ऐसे भी है जिन्होंने मोदी सरकार के रेल बहाली के फैसले का स्वागत किया है। इनमें एमपी के मुख्यमंत्री शामिल हैं।

रेल सेवा बहाल किए जाने को लेकर अब देशभर में कई राज्यों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने रेल खोले जाने को बेकार विचार बताया है। वहीं तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने पैसेंजर ट्रेनें चलाने का विरोध किया। उन्होंने इसके पीछे वजह भी बताई। केसीआर ने कहा कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद जैसे मेट्रो शहरों में कोरोना के मामले ज्यादा हैं, ऐसे में इन जगहों से आने-जाने वाले मुसाफिर दूसरे स्थाने पर भी संक्रमण तेजी से फैला सकते हैं।

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रेल चलाए जाने से साउथ राज्य भी नाराज है। तमिलनाडु ने भी 15 ट्रेनों को शुरू करने के फैसले को गलत बताया है। इसके साथ ही सीएम पलानीस्वामी ने चेन्नई राज्य में 31 मई तक रेल सेवा बंद रखने की अपील की है।

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