अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन कहे जाने वाला ये देश दे रहा म्‍यांमार के सैन्‍य शासन का साथ

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मास्को॥ म्यांमार में लोकतांत्रिक सरकार (democratic government) को अपदस्थ कर सैन्य शासन लागू होने के बाद से कड़ी आलोचनाओं का सामना करने वाले शासन को रूस के रूप में साथ और उम्मीद की किरण दिखने लगी है। ताजा घटनाक्रम के मुताबिक रूस ने म्यांमार (myanmar) के साथ सैन्य रिश्तों को मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्धता दिखाई है।

Army in myanmar

खबर के मुताबिक रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने म्यांमार के बारे में कहा कि हम दोनों देशों के बीच स्थापित आपसी समझ, सम्मान और विश्वास के आधार पर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए हमेशा से तैयार हैं।

दरअसल, म्यांमार के जुंटा नेता सीनियर जनरल मिन आंग हलिंग इस हफ्ते एक सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने के लिए राजधानी मास्को में मौजूद थे। हलिंग ने सोमवार को रूसी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख निकोलाई पेट्रोसोव से मुलाकात की थी।

जिसके बाद जारी एक बयान में कहा गया कि, दोनों देशों ने आतंकवाद, क्षेत्रीय सुरक्षा और म्यांमार के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की है। मौजूदा दौर में जुंटा सहायता के लिए रूस की तरफ देख रहा है। वहीं रूस, म्यांमार की सेना को हथियारों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है।

वहीं, मानव अधिकार कार्यकर्ताओं ने मास्को पर म्यांमार के सैन्य जुंटा को वैध बनाने का आरोप लगाया है, जो कि द्विपक्षीय यात्राओं और हथियारों के सौदों को जारी रखते हुए बीती एक फरवरी को करीब एक दशक के बाद फिर से सत्ता में आया था।

दोनों रियासतों के मध्य रक्षा संबंध हाल के वर्षों में बढ़े हैं, क्योंकि मास्को ने हजारों सैनिकों को सेना प्रशिक्षण और विश्वविद्यालय छात्रवृत्ति प्रदान की है। साथ ही कई पश्चिमी रियासतों द्वारा ब्लैकलिस्ट की गई म्यांमार की सेना को हथियार भी बेचे हैं।

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