देहरादून/नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बाद पर्यटन को पटरी पर लाने के लिए आज केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री मंत्री प्रह्लाद पटेल की अध्यक्षता में सभी राज्यों के पर्यटन मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (video conferencing) के जरिए एक बैठक का आयोजन किया गया। पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित इस बैठक में सभी राज्यों के पर्यटन मंत्रियों ने प्रतिभाग कर कोरोना काल में पर्यटन को हुए नुकसान की भरपाई के लिए आगे की रणनीति पर अपने अपने विचार रखे।
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री (Union Minister of Tourism and Culture) प्रहलाद पटेल की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली में आयोजित वेबीनार में उत्तराखंड में पर्यटन को फिर से खड़ा करने के लिए प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड के अंदर पर्यटन की बड़ी संभावनाएं है। उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी, दूरसंचार और इंटरनेट आदि की व्यवस्था में सुधार हेतु भारत सरकार से सहयोग की अपेक्षा करते हुए उन्होने कहा कि यदि हम ऐसा कर पाए तो ग्रामीण क्षेत्रों के लोग सरकारी योजनाओं का ऑनलाइन लाभ उठा सकते हैं। यात्रा हेतु “मेक माई ट्रिप,” “गो आई जी गो” के साथ-साथ पर्यटन को जोड़ा जा सकता है, ताकि बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच सकें। पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि केंद्र सरकार भी उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों का व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करें।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (video conferencing) के दौरान उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के बुग्यालों में अभी भी लोगों की धार्मिक आस्था है। कमर्शियल गतिविधियां बंद की गई है लेकिन जो लोग वहां पर आंछरियों, परियों और देवताओं का पूजन करने आते हैं। धार्मिक आस्था के तहत यह सभी अभी मान्य है। दैवीय सर्किट का जिक्र करते हुए श्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में ऐसे स्थान हैं जहां जाकर लोग भगवती की आराधना और पूजन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में राज्य का पर्यटन विभाग एक ओर जहां शाक्त और वैष्णों सर्किट बनाने जा रहा है। वहीं हम हिमालयन इम्यूनिटी बूस्टिंग भोजन को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारे प्रदेश के अंदर महाभारत सर्किट, रामायण सर्किट बनाने के साथ साथ सीता माता मंदिर के रिवाइवल के लिए भी कार्य चल रहा है। महाभारत के दौरान चक्रव्यूह का जिक्र करते हुए उन्होने बताया कि उत्तराखंड के अंदर चक्रव्यूह को भी दिखाया जाता है जिसमें गांव के गांव शामिल होते हैं। हम चाहते हैं कि यह सब पुरी दुनियां देखे।