कोविड-19 संक्रमण से जूझते हुए नौ माह बाद सोमवार को आखिरकार स्कूलों की वीरानी खत्म हो गई। खिलखिलाते, बतियाते, चहकते चेहरों से स्कूल की बगिया लहलहा उठी। हालांकि, कोरोना के डर की वजह से तमाम सावधानियों का पूरा ध्यान रखा गया। स्कूल खुल जाने का उल्लास बच्चों के चेहरे पर साफ नजर आया। पहले दिन चाहे पढ़ाई हुई हो या न हुई हो लेकिन स्कूल खुलने की खुशी गेट पर खड़े रहने वाले कर्मचारी से लेकर स्टाफ रूम और प्रिंसिपल तक नजर आई। नियमित आय का स्रोत बंद होने से परेशान स्कूल ऑटो वालों के चेहरों पर भी कोरोना काल के कट जाने के बाद अब दिन बहुरने की उम्मीद साफ नजर आई।
राजस्थान में 15 मार्च से बंद सरकारी व निजी स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक की कक्षाएं सोमवार से शुरू हो गई हैं। हालांकि, कुछ स्कूल एक फरवरी के बाद स्कूल खोलेंगे तबतक वे ऑनलाइन ही कक्षाएं ले रहे हैं। लगभग 308 दिन बाद शुरू हो रहे स्कूलों के लिए सरकार ने स्पष्ट गाइडलाइन भी जारी की है ताकि कोरोना से सुरक्षा बनी रहे। सरकार ने आईएएस व आरएएस अधिकारियों को निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। राज्यभर में कक्षा 9 से 12वीं तक के करीब 40 लाख बच्चे सोमवार से स्कूल जा सकेंगे। इनमें से 21 लाख विद्यार्थियों की 15 मई से परीक्षा शुरू होगी।
शिक्षा विभाग की तरफ से सभी स्कूलों में कोविड-19 गाइडलाइन की पालना को लेकर विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। विभाग की ओर से अभियान चलाकर संबंधित स्कूलों में पेरेंट्स मीटिंग के जरिए अभिभावकों को गाइडलाइन के बारे में बताया जा चुका है। इसमें बच्चों के बीच 2 गज की दूरी पर विशेष फोकस किया गया है। इसकी पालना करवाने के लिए स्कूलों में 1 से अधिक क्लास लगाने की व्यवस्था की गई है। 9वीं और 11वीं क्लास के बच्चों के लिए 10 से लेकर 4 बजे तक क्लास चलेगी, वहीं 10वीं और 12वीं के लिए स्कूल का समय 9.30 से 3.30 बजे तक रहेगा।
निर्देशों के अनुसार आने और जाने के गेट भी अलग-अलग रहेंगे। क्लास के बाहर सैनेटाइजर रखा जाएगा। संबंधित क्लासों को प्रतिदिन सैनेटाइज कराने के अलावा सफाई का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। प्रत्येक बच्चे को मास्क लगाना होगा। किसी बच्चे के पास मास्क नहीं है तो स्कूल को उपलब्ध कराना होगा। स्कूल के फंड से प्रत्येक स्कूल में 100 मास्क रिजर्व में रखने होंगे। बच्चे पानी की बोतल और लंच आपस में शेयर नहीं कर सकेंगे। स्कूल प्रबंधन को पानी की व्यवस्था करनी होगी।