Up Kiran, Digital Desk: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही देहरादून की धर्मपुर सीट कांग्रेस के लिए सबसे गर्म कुर्सी बन गई है। पार्टी के अंदर टिकट के लिए इतने दावेदार खड़े हो गए हैं कि स्थिति बिलकुल “एक अनार सौ बीमार” वाली हो गई है। पुराने धुरंधरों से लेकर नई पीढ़ी के नेता तक सबकी नजर इसी सीट पर टिकी है।
बड़े नामों की रेलमपेल
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 27 नवंबर को बूथ नंबर 74 में संवाद कार्यक्रम रखकर साफ संदेश दे दिया है कि वे इस क्षेत्र को गंभीरता से ले रहे हैं। दूसरी तरफ पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत भी चुप नहीं बैठे। अगर दोनों रावत एक ही सीट पर जोर लगाने लगे तो पार्टी के भीतर खेल और रोचक हो जाएगा। प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला अपनी सक्रियता बढ़ा रही हैं तो उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के दौरे भी तेज हो गए हैं। वरिष्ठ नेता पूर्ण सिंह रावत और याकूब सिद्दीकी भी पीछे नहीं हैं।
नई पीढ़ी भी दौड़ में शामिल
दूसरी पंक्ति के नेता भी मौके की ताक में हैं। वैभव वालिया, संदीप चमोली और ओम प्रकाश सती जैसे युवा चेहरे भी लगातार क्षेत्र में दिख रहे हैं। इतने सारे दावेदारों के बीच अंतिम फैसला लेना कांग्रेस हाईकमान के लिए सिरदर्द बन सकता है।
वोटरों का गणित कांग्रेस को लुभा रहा
धर्मपुर में करीब 50 प्रतिशत पहाड़ी मतदाता हैं जिनमें टिहरी विस्थापितों की बड़ी संख्या शामिल है। मुस्लिम वोट करीब 20 प्रतिशत और अनुसूचित जाति के 12 प्रतिशत मतदाता हैं। पंजाबी, वैश्य, गोरखा, जाट और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आए करीब पांच हजार वोटर भी यहां हैं। यह संयोजन कांग्रेस को काफी मजबूत लग रहा है। पार्टी का मानना है कि सामाजिक समीकरण उसके पक्ष में हैं।
इतिहास भी कांग्रेस के साथ
कांग्रेस का इस क्षेत्र में पुराना जलवा रहा है। पूर्व विधायक दिनेश अग्रवाल ने तीन बार यहां से जीत हासिल की थी (तब यह लक्ष्मण चौक सीट का हिस्सा थी)। हालांकि फिलहाल भाजपा के विनोद चमोली विधायक हैं और उनकी पकड़ भी मजबूत मानी जाती है।
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