महराजगंज। कालाजार (Kala Azar) उन्मूलन के लिए दूसरे चरण का छिड़काव और जनजागरूकता सहित अन्य निरोधात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। कालाजार प्रभावित दो ब्लाॅक के दो ग्राम पंचायतों के 2233 घरों में छिड़काव कराया जाएगा। सबसे पहले धनेवा-धनेई में छिड़काव शुरु किया गया है। इसके बाद नौतनवा ब्लाॅक के ग्राम पंचायत अहमवा में छिड़काव होगा। इस छिड़काव से करीब 11164 की आबादी लाभान्वित होगी।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि कालाजार (Kala Azar) उन्मूलन के प्रति स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। मरीजों को त्वरित जांच व उपचार देने और प्रभावित गांवों में छिड़काव और निरोधात्मक कार्य के लिए मलेरिया विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को दिशा-निर्देशित किया गया है। कार्य योजना बनाकर छिड़काव भी शुरू करा दिया गया है। विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह में जन समुदाय को जागरूक भी किया जा रहा है। उन्होंने संबंधित ग्राम पंचायतों की आशा कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि छिड़काव के दौरान ग्रामीणों की स्क्रीनिंग भी करें। यदि किसी व्यक्ति में कालाजार के लक्षण दिखे तो उसकी जांच कराएं। जांच किट स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध है।
जिला मलेरिया अधिकारी त्रिभुवन चौधरी ने बताया कि सदर ब्लाॅक के ग्राम पंचायत धनेवा-धनेई ( तीन टोले सुकठिया, मंगलपुर और धनेवा-धनेई ) में छिड़काव हो रहा है। इसके बाद यही छिड़काव श्रमिक नौतनवा ब्लाॅक के ग्राम पंचायत अहमवा में छिड़काव करने जाएंगे। उन्होंने ने बताया कि छिड़काव से पहले छिड़काव श्रमिकों तथा आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। घरों के सभी कमरों तथा गौशालों में छह फीट की ऊंचाई तक छिड़काव कराया जाता है। इस कार्य में गांव की आशा कार्यकर्ता का भी सहयोग रहता है। आशा कार्यकर्ता द्वारा छिड़काव के एक से दो दिन पहले ही ग्रामीणों को सूचना दे दी जाती है। जिन लोगों द्वारा छिड़काव का विरोध किया जाता है, उनको समझा कर तथा छिड़काव से फायदे बता कर उनके घरों में छिड़काव कराया जा रहा है।(Kala Azar)
धनेवा-धनेई स्थित पुलिस लाइन के कमरा नंबर 50 में रहने वाले विजय कुमार ( 45) ने बताया कि छिड़काव कर्मी आए थे। उनके द्वारा बताया गया कि घर में से खाने पीने वाला सामान हटा दीजिए या उसे अच्छी तरह से ढंक दिजिए, ताकि सही से छिड़काव हो सके। सामान ढक दिया गया। छिड़काव कर्मियों ने उनके आवास के चार कमरों में छिड़काव किया। छिड़काव छह फीट की ऊंचाई तक किया गया है। टीम ने बताया कि साल भर में दो बार छिड़काव होता है। कालाजार (Kala Azar) के वाहक बालू मक्खी से बचने के लिए छिड़काव जरूरी है।
कालाजार को जानिए
कालाजार (Kala Azar) बालू मक्खी के काटने से होता है। यह मक्खी नमी वाले स्थानों पर अंधेरे में पाई जाती है।इसके काटने से लोग बीमार हो जाते हैं। उन्हें बुखार होता है जो रूक रूक कर चढ़ता उतरता है। पेट फूल जाता है।
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