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Up Kiran, Digital Desk: देहरादून की सियासी गलियारों में एक बार फिर गरमी बढ़ गई है। लंबे समय से टलता आ रहा उत्तराखंड मंत्रिमंडल का विस्तार अब लगभग तय माना जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य कैबिनेट के पांच खाली पदों को भरने की तैयारी में जुट गई है। इसका सीधा असर 2027 के विधानसभा चुनाव पर पड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
वर्तमान समय में मंत्रिमंडल में पांच सीटें रिक्त हैं। इनमें चार पद तो पहले से ही खाली चल रहे थे, जबकि एक पद पूर्व संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद खाली हुआ। प्रदेश भाजपा के विधायकों को लंबे समय से इस फैसले का इंतजार है और अब उन्हें जल्द खुशखबरी मिलने की उम्मीद दिख रही है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाल ही में दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने शीर्ष नेतृत्व से कैबिनेट विस्तार को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा की। संकेत साफ हैं कि केंद्रीय नेतृत्व से अनुमति मिलने के बाद अब इसमें ज्यादा देरी नहीं होगी।
राज्य भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी रविवार को साफ कर दिया कि इस मुद्दे पर बातचीत अंतिम चरण में है और नए चेहरे जल्द ही मंत्रिमंडल का हिस्सा बन सकते हैं।
किन चेहरों की चर्चा?
राजनीतिक हलकों में यह अटकलें जोरों पर हैं कि कैबिनेट में किन विधायकों को जगह मिल सकती है। जिन नामों पर ज़ोर है उनमें विधायक खजानदास, पूर्व मंत्री मदन कौशिक, प्रदीप बत्रा, विनोद कंडारी, भरत चौधरी, बंशीधर भगत और राम सिंह कैड़ा प्रमुख हैं।
विधायकों की धामी से मुलाकात
कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं के बीच रविवार को कई भाजपा विधायक CN पुष्कर सिंह धामी से मिलने पहुंचे। देर शाम हुई इस बैठक को राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा करते हुए विधायकों से बातचीत की तस्वीरें साझा कीं।
मुलाकात करने वाले विधायकों में गंगोलीहाट से फकीर राम टम्टा, रुद्रप्रयाग से भरत सिंह चौधरी, गंगोत्री से सुरेश चौहान, जागेश्वर से मोहन सिंह माहरा सहित दायित्वधारी कैलाश पंत और रजनी रावत मौजूद रहे।
चुनावी समीकऱणों पर नजर
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस विस्तार से भाजपा न सिर्फ आंतरिक असंतोष को कम करेगी बल्कि संगठनात्मक स्तर पर संतुलन साधने की कोशिश भी करेगी। आने वाले दिनों में घोषित होने वाली नई कैबिनेट लिस्ट राज्य की राजनीति में नए समीकरण गढ़ सकती है।
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