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Up Kiran, Digital Desk: कई बार आपने अपने आस-पास घरों, दुकानों या वाहनों के पीछे नींबू और सात हरी मिर्चों को काले धागे में पिरोते हुए जरूर देखा होगा। यह नजारा हमें अजीब लग सकता है मगर इसके पीछे छुपा है एक गहरा विज्ञान और लोक संस्कृति का अनमोल अनुभव। लोग इसे अक्सर ‘बुरी नजर’ से बचाव का उपाय मानते हैं, पर क्या यह सिर्फ अंधविश्वास मात्र है। सच तो यह है कि नींबू-मिर्च की डोरी अंधविश्वास से कहीं ज्यादा, प्राकृतिक सुरक्षा का एक प्रभावी तरीका है।
पहली वजह
एक समय ऐसा था जब मच्छर भगाने के लिए कोई केमिकल स्प्रे उपलब्ध नहीं था। तब घर-घर में नींबू और हरी मिर्च को नेचुरल कीटनाशक के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। नींबू में पाया जाने वाला विटामिन C और मिर्च के तीखे तत्व ‘कैप्साइसिन’ की खुशबू कीड़े-मकोड़ों और मच्छरों को दूर भगाने में मदद करती है। इसकी तेज गंध आसपास की हवा को साफ करती है और बैक्टीरिया के विकास को रोकती है।
दूसरी वजह
नींबू और मिर्च की डोरी न केवल हवा को शुद्ध करती है बल्कि वे आसपास की नमी को सोख कर फफूंद और बैक्टीरिया के पनपने की संभावना को भी कम करती है। इसलिए इन्हें घरों और दुकानों के बाहर लटकाना एक प्राकृतिक तरीका है, जो गंदगी और बीमारी से बचाव करता है।
तीसरी वजह
लोगों का मानना है कि नींबू और मिर्च सूख जाने पर बुरी नजर सोख ली जाती है और इसलिए इन्हें तुरंत बदलना चाहिए। यह आस्था कहीं न कहीं सही भी है क्योंकि सूखना मतलब प्राकृतिक तत्व अपना असर खो रहे हैं। इसे विज्ञान की भाषा में समझा जाए तो यह एक संकेत है कि अब उनकी ताजगी समाप्त हो चुकी है और नई डोरी से ताजगी और सुरक्षा दोनों मिलेंगी।
चौथी वजह
नींबू के साथ सात मिर्च लगाने का एक खास महत्व भी है। सात का अंक भारतीय संस्कृति में पवित्र माना जाता है—सात दिन, सात रंगों वाला इंद्रधनुष। इसलिए सात मिर्च लगाने की प्रथा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और जीवन में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए अपनाई जाती है। यह अंधविश्वास नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक संतुलन और आश्वासन का एक रूप है।
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