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Up kiran,Digital Desk : पंजाब कांग्रेस में जो चल रहा है, उसे सिर्फ सियासी कलह कहना शायद ठीक नहीं होगा। अब यह लड़ाई personal हो गई है, मान-सम्मान पर आ गई है और करोड़ों के मानहानि नोटिस तक पहुंच गई है। नवजोत कौर सिद्धू के कुछ बयानों ने ऐसा तूफान खड़ा किया है कि पार्टी के बड़े-बड़े नेता एक-दूसरे को कोर्ट में देख लेने की धमकी दे रहे हैं। आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर चल क्या रहा है।

जब रंधावा ने कहा- "यह पगड़ी का सवाल है"

मामले की शुरुआत नवजोत कौर सिद्धू के बयानों से हुई, जिसके बाद कांग्रेस के सीनियर नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा बुरी तरह भड़क गए। उन्होंने कहा कि मैडम सिद्धू ने जो आरोप लगाए हैं, वे शर्मनाक हैं और अब इसका जवाब कोर्ट में ही दिया जाएगा।

रंधावा ने भावुक होते हुए कहा, "यह कोई राजनीति नहीं, अब यह सुखजिंदर रंधावा की पगड़ी का सवाल है।" उन्होंने यह भी याद दिलाया कि उनके माता-पिता का सिद्धू के माता-पिता से दोस्ती का रिश्ता था। ऐसे में इस तरह के आरोप लगाना बेहद दुखद है। उन्होंने कहा कि यह तो सिद्धू ही बता सकते हैं कि उन्होंने अपनी पत्नी को ये सब कहने के लिए कहा है या वो खुद ही ऐसा बोल रही हैं।

पूर्व मंत्री अनिल जोशी ने भी भेजा नोटिस

इस लड़ाई में पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी भी कूद पड़े हैं। उन्होंने नवजोत कौर सिद्धू को सीधे-सीधे कानूनी नोटिस भेज दिया है। जोशी का कहना है कि मैडम सिद्धू ने एक इंटरव्यू में उन पर झूठा आरोप लगाया कि उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के लिए पैसे दिए थे।

उनके वकीलों द्वारा भेजे गए नोटिस में साफ कहा गया है कि यह बयान सरासर झूठ है और इससे जोशी की छवि खराब हुई है। नोटिस में मांग की गई है कि नवजोत कौर 7 दिनों के अंदर सार्वजनिक रूप से माफी मांगें और अपने बयान को गलत बताएं, वरना उनके खिलाफ मानहानि का केस किया जाएगा।

कहानी में ट्विस्ट: जब मैडम सिद्धू ने ही भेज दिया 10 करोड़ का नोटिस

एक तरफ जहां सब नवजोत कौर सिद्धू को नोटिस भेज रहे थे, वहीं उन्होंने खुद अपने "मुंह बोले बेटे" और जिला कांग्रेस अध्यक्ष सौरभ मदान (मिट्ठू) को 10 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजकर सबको चौंका दिया।

यह मामला 2017 के निगम चुनावों में टिकटें बेचने के आरोपों से जुड़ा है। सिद्धू के वकील का कहना है कि मिट्ठू ने झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की है। नोटिस में मिट्ठू को 7 दिन के अंदर बिना शर्त माफी मांगने को कहा गया है, वरना कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अब आगे क्या?

यह कानूनी लड़ाई अब सोशल मीडिया पर भी लड़ी जा रही है। नोटिस भेजने के बाद नवजोत कौर ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की और उन्हें निर्देश दिए कि उनके खिलाफ झूठी बयानबाजी करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। इसके बाद से ही उनके समर्थक विरोधियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रहे हैं।

साफ है कि पंजाब कांग्रेस का यह झगड़ा अब आसानी से शांत नहीं होने वाला। यह सिर्फ नेताओं की आपसी लड़ाई नहीं रह गई है, बल्कि इसका असर आने वाले दिनों में पंजाब की राजनीति पर भी दिखना तय है।