Up kiran,Digital Desk : गुरुवार (27 नवंबर) का दिन भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो आज आपके चेहरे पर मुस्कान जरूर होगी। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और विदेशी निवेशकों के लौटने से बाज़ार में गजब का उत्साह है। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों ने आज वो कर दिखाया जो पहले कभी नहीं हुआ।
आइये, आसान शब्दों में जानते हैं कि आज बाज़ार में क्या-क्या हुआ और इस तूफानी तेजी की असली वजहें क्या हैं।
सेंसेक्स 86,000 के पार, निफ्टी ने भी तोड़ा रिकॉर्ड
गुरुवार की सुबह जैसे ही बाज़ार खुला, 'बुल्स' (तेजड़ियों) ने मैदान मार लिया। 30 शेयरों वाला BSE सेंसेक्स 400 अंक से ज्यादा उछलकर 86,000 के जादुई आंकड़े के पार निकल गया। यह सेंसेक्स का अब तक का 'ऑल टाइम हाई' (सबसे उच्चतम स्तर) है।
दूसरी तरफ, निफ्टी ने भी 90 अंकों की छलांग लगाई और 26,295.55 के स्तर को छू लिया। इससे पहले 27 सितंबर 2024 को निफ्टी ने अपना पिछला रिकॉर्ड बनाया था, जो आज टूट गया।
कौन से शेयर चमके, कौन पिछड़ा?
आज की तेजी में बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, ICICI बैंक, लार्सन एंड टुब्रो (L&T), एशियन पेंट्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसे शेयरों ने निवेशकों की झोली भर दी।
हालांकि, कुछ शेयर ऐसे भी रहे जो इस रफ़्तार में पीछे रह गए। इनमें कोटक महिंद्रा बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और मारुति के शेयर शामिल हैं, जहाँ थोड़ी सुस्ती देखी गई।
क्यों आई बाज़ार में ये बंपर तेजी?
- अमेरिका से अच्छी खबर: दुनिया भर के बाजारों को उम्मीद है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व जल्द ही ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। इससे निवेशकों का जोखिम लेने का हौसला (Risk Appetite) बढ़ा है।
- शांति की उम्मीद: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे तनाव में अब 'शांति समझौते' की बात चल रही है। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के वी.के. विजयकुमार मानते हैं कि इससे ग्लोबल मार्किट का मूड सुधरा है।
- विदेशी पैसा (FII): सबसे बड़ी बात यह है कि विदेशी निवेशक (FIIs) जो पहले पैसा निकाल रहे थे, अब जमकर खरीदारी कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने लगभग 4,778 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। हमारे देसी निवेशकों (DIIs) ने भी 6,000 करोड़ से ज्यादा का निवेश किया। जब दोनों तरफ से पैसा आता है, तो बाज़ार तो भागना ही है।
कच्चे तेल ने दी राहत, रुपया थोड़ा सुस्त
भारत के लिए एक और 'गुड न्यूज़' यह है कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चा तेल (Brent Crude) सस्ता होकर 62.83 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। तेल सस्ता होने का सीधा फायदा भारतीय कंपनियों को मिलता है। हालांकि, आयातकों द्वारा डॉलर की मांग बढ़ने से रुपया थोड़ा कमजोर होकर 89.24 के स्तर पर पहुंच गया, लेकिन बाज़ार के जोश के सामने यह चिंता छोटी नजर आई।
एशियाई बाज़ारों (जापान, कोरिया, चीन) में भी आज हरियाली है, जिसका पॉजिटिव असर हमारे बाज़ार पर साफ़ दिख रहा है।
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