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Up Kiran, Digital Desk: एक राजनीतिक रैली कैसे तबाही में बदल सकती है, इसका दिल दहला देने वाला उदाहरण करूर में देखने को मिला। शनिवार को अभिनेता से नेता बने विजय की पार्टी तमिलगा वित्रा कजगम (TVK) की रैली के दौरान मची भगदड़ ने 39 लोगों की जान ले ली। यह हादसा न सिर्फ प्रशासनिक चूक को उजागर करता है बल्कि आयोजकों की लापरवाही पर भी कई सवाल खड़े करता है।
संख्या का अनुमान गलत साबित हुआ
टीवीके द्वारा आयोजित इस सभा में करीब 10,000 लोगों के आने की उम्मीद जताई गई थी। लेकिन जब भीड़ 27,000 से ज्यादा हो गई, तो हालात हाथ से निकलने लगे। लोग सुबह से ही तेज धूप में बिना पर्याप्त व्यवस्था के इंतज़ार करते रहे। गर्मी, थकावट और भूख ने कई लोगों को बेहाल कर दिया।
विजय की देर से एंट्री और बिगड़ती स्थिति
भीड़ विजय के पहुंचने का घंटों से इंतज़ार कर रही थी। वे शाम करीब 7 बजे मंच पर पहुंचे। उनके भाषण की शुरुआत के दौरान ही कुछ लोग बेहोश होकर गिरने लगे। अचानक भगदड़ मच गई। मौके पर अफरा-तफरी फैल गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।
इस हादसे में 39 लोगों की जान चली गई और लगभग 100 लोग घायल हो गए। अस्पतालों में इलाज चल रहा है और मृतकों के परिवारों में मातम पसरा हुआ है।
मृतकों के लिए मुआवज़े का ऐलान
cm एमके स्टालिन ने हादसे पर दुख जताते हुए प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। वहीं टीवीके प्रमुख विजय ने भी राहत पैकेज का ऐलान करते हुए कहा कि वे पीड़ित परिवारों को 20-20 लाख रुपये देंगे।
उनका कहना है कि यह हादसा अत्यंत दुखद है और वे इस दर्द को समझते हैं।