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वर्तमान में आपने AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का नाम खूब सुना होगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की काफी मांग है. एक अमेरिकी कंपनी एआई की बढ़ती मांग से भारी लाभ उठा रही है। फायदा यह हुआ कि कंपनी के मालिक की संपत्ति कुछ ही महीनों में दोगुनी हो गई।

इस अमेरिकी चिप निर्माता कंपनी की ताकत इतनी है कि दुनिया भर के देश और बड़ी-बड़ी कंपनियां इसके सामने हाथ बांधे खड़ी हैं। कुछ ही वर्षों में यह दुनिया की छठी सबसे बड़ी कंपनी (मार्केट कैप) बन गई। हम बात कर रहे हैं एआई चिप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एनवीडिया कॉर्प की। कम ही लोग जानते हैं कि इस कंपनी की शुरुआत एक रेस्टोरेंट से हुई थी।

अमेरिकी एआई चिप निर्माता एनवीडिया कॉर्प बीते कई महीनों से चर्चा में है। माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी दुनिया की सबसे बड़ी तकनीकी कंपनियां एनवीडिया से सबसे ज्यादा चिप्स प्राप्त करने की होड़ में हैं।

हाल ही में कंपनी के सीईओ जेन्सेन हुआंग भारत आए थे। चिप्स के लिए रिलायंस और टाटा सहित अन्य कंपनियों ने भी कंपनी से करार किया है। जेन्सेन हुआंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. एक ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप वाली यह कंपनी दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी हुई है। सिर्फ इंडिया या यूएसए ही नहीं, बल्कि सऊदी अरब, चीन, ताइवान, जापान की कंपनियां भी चिप्स के लिए एनवीडिया के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की कोशिश कर रही हैं।

एनवीडिया की शुरुआत जेन्सेन हुआंग ने की थी। हुआंग का जन्म 1963 में ताइवान में हुआ था। उनका बचपन ताइवान और थाईलैंड में बीता, मगर नौ साल की उम्र में उन्हें अपना देश छोड़कर अमेरिका में अपने रिश्तेदारों के साथ रहना पड़ा। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए माता-पिता ने ये निर्णय लिया और उन्हें अमेरिका में अपने रिश्तेदारों के पास भेज दिया. उनकी शिक्षा अमेरिका में हुई।

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्टेट यूनिवर्सिटी से स्नातक करने के बाद, वह एलएसआई लॉजिक नामक कंपनी में शामिल हो गए। यहीं पर उन्होंने चिप्स बनाना सीखा। जेन्सेन हुआंग अक्सर रेस्तरां में अपने दो दोस्तों से मिलते थे। अपना काम शुरू करने के बाद तीनों वहीं बैठ कर घंटों चर्चा करते. मेज़ पर कॉफ़ी के कई कप थे। उनके दोस्त क्रिस मैलाचोव्स्की, एक इंजीनियर और कर्टिस प्रीम, एक ग्राफिक्स चिप डिजाइनर थे। 1993 में इन तीनों ने एक ही रेस्टोरेंट में बैठकर Nvidia शुरू करने का निर्णय लिया।

अपने जन्मदिन पर, जेन्सेन हुआंग दो दोस्तों के साथ एक रेस्तरां में खाना खाने गए और एक कंपनी शुरू करने का निर्णय़ लिया। कंपनी की शुरुआत मात्र 200 डॉलर (लगभग 16 हजार रुपए) के निवेश से हुई थी। एनवीडिया को लेकर तीनों के बीच एक डील हुई और उसी दिन चिप बनाने वाली कंपनी लॉन्च हो गई। प्रारंभ में, कंपनी ने वीडियो-गेम ग्राफ़िक्स चिप्स का निर्माण किया। धीरे-धीरे कंपनी ने डेटा सेंटर और AI पर फोकस करना शुरू कर दिया। कंपनी ग्राफिक्स प्रोसेसिंग इकाइयों और अन्य कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर उत्पादों का डिजाइन और निर्माण भी करती है।

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