Up Kiran, Digital Desk: क्या आपने कभी सुना है कि कोई खूनी वारदात को अंजाम देकर यूं ही बचकर निकल जाए? कानून के लंबे हाथ अपराधियों को ढूंढ ही निकालते हैं, और इस बार ऐसा ही कुछ हुआ है! हाल ही में हुए एक 'दोहरे हत्याकांड' (double murder) के 3 खूंखार आरोपियों (3 accused) को पुलिस ने एक नाटकीय मुठभेड़ (encounter) के बाद गिरफ्तार कर लिया है. यह ख़बर सुनते ही जहां एक ओर पूरे इलाके ने राहत की सांस ली है, वहीं पुलिस की त्वरित कार्रवाई की जमकर सराहना भी हो रही है. यह गिरफ्तारी इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये आरोपी खून का बदला (revenge) लेने की पूरी तैयारी में थे और फिर से कोई बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते थे!
क्या है ये डबल मर्डर का खौफनाक मामला?
कुछ समय पहले एक दोहरे हत्याकांड की खबर ने इलाके में दहशत फैला दी थी. इस जघन्य अपराध ने न केवल दो जिंदगियों को छीन लिया था, बल्कि पूरे समाज को हिलाकर रख दिया था. घटना को अंजाम देने के बाद से तीनों आरोपी फरार चल रहे थे, और पुलिस उनकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी. उनके बारे में आशंका थी कि वे बहुत ही खतरनाक अपराधी हैं और कहीं भी छिपे हो सकते हैं.
पुलिस का 'ऑपरेशन एनकाउंटर': कैसे दबोचे गए अपराधी?
यह पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि आरोपी हथियारों से लैस हो सकते थे और किसी भी तरह से पुलिस के हाथ नहीं आना चाहते थे. सूत्रों के मुताबिक:
- पुख्ता खुफिया जानकारी: पुलिस को उनके ठिकाने के बारे में ठोस खुफिया जानकारी मिली, जिसके बाद एक टीम बनाई गई और पूरे ऑपरेशन को बेहद गुप्त तरीके से अंजाम दिया गया.
- नाटकीय घेराबंदी: जब पुलिस ने उन्हें घेरने की कोशिश की, तो आरोपियों ने भागने की कोशिश की और संभवतः पुलिस पर हमला भी किया. इसी दौरान जवाबी कार्रवाई में 'एनकाउंटर' जैसी स्थिति बन गई.
- खून का बदला लेने की साजिश: पुलिस को पता चला था कि ये आरोपी सिर्फ भागे नहीं थे, बल्कि वे अपने दुश्मनों से 'खून का बदला' लेने की पूरी फिराक में थे. अगर उन्हें तुरंत गिरफ्तार न किया जाता, तो शायद कोई और बड़ी वारदात हो सकती थी, और निर्दोष लोगों की जान जा सकती थी.
तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस उनसे कड़ी पूछताछ कर रही है ताकि इस डबल मर्डर के पीछे की पूरी साजिश का पता लगाया जा सके और उनके नेटवर्क का खुलासा हो सके. यह ऑपरेशन पुलिस की बहादुरी, मुस्तैदी और उनके professionalism का एक और सबूत है. इससे आम लोगों में कानून-व्यवस्था के प्रति विश्वास मजबूत होगा और अपराधियों में भय का माहौल बनेगा. यह साफ है कि कानून तोड़ने वालों का कोई बच नहीं पाएगा, चाहे वो कितना भी बड़ा अपराधी क्यों न हो.

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