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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते कल को हुए बर्बर आतंकी हमले ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया है। इस कायराना हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई है और मृतकों में ज्यादातर पर्यटक शामिल हैं। आतंकियों ने इस हमले में जिस क्रूरता का परिचय दिया है, वह मानवता को शर्मसार करने वाला है। चौंकाने वाली बात यह है कि आतंकियों ने इस हमले में सिर्फ पुरुषों को ही निशाना बनाया, महिलाओं पर कोई गोली नहीं चलाई गई।
इस हृदयविदारक घटना में जान गंवाने वाले 26 लोगों में से कई अलग-अलग राज्यों से ताल्लुक रखते हैं, जो कश्मीर की खूबसूरत वादियों का आनंद लेने आए थे। मृतकों की पहचान से उनके परिवारों और पूरे देश में मातम का माहौल है।
इस आतंकी हमले में गुजरात के तीन पर्यटकों की मौत हो गई है। भावनगर के रहने वाले यतेश परमार और उनके युवा बेटे सुमित परमार भी इस हमले का शिकार बने। इसके अलावा सूरत के शैलेषभाई हिम्मतभाई कलाथिया भी आतंकियों की गोलियों का निशाना बने। पिता-पुत्र और एक अन्य व्यक्ति की मौत से पूरे गुजरात में शोक की लहर दौड़ गई है।
महाराष्ट्र के पांच लोगों की गई जान
महाराष्ट्र ने इस आतंकी हमले में अपने पांच नागरिकों को खो दिया है। मुंबई के रहने वाले हेमंत सुहास जोशी और संजय लक्ष्मण लाली की भी इस हमले में मौत हो गई। इसके अलावा अतुल श्रीकांत मोनी, संतोष जागड़ा और कस्तुबा गान्वोते भी महाराष्ट्र के ही रहने वाले थे।
इंदौर के सुशील पत्नी का जन्मदिन मनाने गए थे, लौटे ताबूत में
मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले सुशील नथानियल भी इस आतंकी हमले में मारे गए। वह अपनी पत्नी का जन्मदिन मनाने के लिए कश्मीर गए थे, लेकिन किसे पता था कि यह उनकी आखिरी यात्रा साबित होगी। सुशील एलआईसी में ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्यरत थे।
पहलगाम के आदिल भी आतंकियों का शिकार
इस हमले में पहलगाम के ही रहने वाले सैयद आदिल हुसैन शाह ने भी अपनी जान गंवा दी। वह अपने ही घर में आतंकियों की क्रूरता का शिकार बन गए। इसके अलावा नेपाल के सुदीप नुपाने भी इस हमले में मारे गए।
इन राज्यों के लोग भी हुए शिकार
महाराष्ट्र और गुजरात के अलावा, इस आतंकी हमले में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, ओडिशा, केरल, चंडीगढ़, कर्नाटक और अरुणाचल प्रदेश के लोग भी मारे गए हैं। यह घटना दिखाती है कि आतंकवाद का कोई धर्म या सीमा नहीं होती और यह किसी को भी अपना शिकार बना सकता है।