Up kiran,Digital Desk : सोचिए, आप अपनी मेहनत की कमाई से एक करोड़ रुपये का मकान खरीदें, बाकायदा सरकारी दफ्तर में उसकी रजिस्ट्री करवाएं, लेकिन जब रहने जाएं तो महज तीन दिन में आपको पुलिस के पहरे में अपना ही घर छोड़कर जाना पड़े। कुछ ऐसा ही हुआ है मेरठ के पॉश इलाके थापर नगर में, जहां एक संपत्ति की खरीद-फरोख्त ने पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया है।
आखिर माजरा क्या है?
दरअसल, जलीकोठी के रहने वाले शाहिद कुरैशी ने थापर नगर में रहने वाले अनुभव कालरा और रीना कालरा से एक मकान खरीदा। सौदा करीब एक करोड़ रुपये में हुआ। शाहिद ने पूरी कानूनी प्रक्रिया अपनाई और रजिस्ट्री करवाकर अपने परिवार के साथ वहां रहने आ गए। उन्होंने घर के निचले हिस्से में दूध का कारोबार भी शुरू कर दिया।
लेकिन जैसे ही शाहिद का परिवार वहां शिफ्ट हुआ, पड़ोसियों की त्यौरियां चढ़ गईं। यह एक हिन्दू बाहुल्य इलाका है और पंजाबी समाज के लोगों को दूसरे धर्म के व्यक्ति का वहां रहना रास नहीं आया।
'मकान बिकाऊ है' के पोस्टर और पलायन की धमकी
शुक्रवार शाम को माहौल तब बिगड़ गया जब गली नंबर-7 के करीब 100 परिवारों ने अपने घरों के बाहर "यह मकान बिकाऊ है" और "पलायन को मजबूर" जैसे पोस्टर लगा दिए। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह रिहायशी इलाका है और शाहिद के दूध के कारोबार की वजह से यहां गाड़ियों और बाइक का जाम लगने लगा है, जिससे महिलाओं और बच्चों का निकलना दूभर हो गया है।
देखते ही देखते वहां विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी पहुँच गए। हंगामा इतना बढ़ा कि नारेबाजी शुरू हो गई। प्रदर्शनकारियों की साफ मांग थी- "शाहिद से मकान खाली कराओ, नहीं तो हम सब घर छोड़कर चले जाएंगे।" एक व्यक्ति के लिए 500 परिवार परेशान नहीं हो सकते।
खरीदार का दर्द: "मेरा कसूर क्या है?"
इस पूरे हंगामे के बीच मकान खरीदने वाले शाहिद कुरैशी की बेबसी भी सामने आई। उनका कहना है कि "बेचने वाले अनुभव कालरा काफी समय से मकान बेचना चाहते थे, लेकिन उन्हें कोई हिंदू खरीदार नहीं मिल रहा था। मैंने पूरी कीमत दी और नियम से रजिस्ट्री करवाई। अब अचानक इतना विरोध क्यों? क्या मेरा कोई कसूर है?" पुलिस ने विवाद बढ़ता देख शाहिद और उनके परिवार को फिलहाल वापस उनके पुराने घर भेज दिया है और नए मकान पर ताला जड़ दिया है।
पुलिस ने संभाला मोर्चा, अब थाने में होगा फैसला
सड़क पर हंगामा बढ़ते देख सदर बाजार थाने की पुलिस ने मोर्चा संभाला। पुलिस ने भीड़ को समझाया, लेकिन लोग अपनी जिद पर अड़े रहे। यहां तक कि वहां से गुजर रहे एक दूसरे समुदाय के दंपति को भी भीड़ ने रोक लिया। स्थिति को शांत करने के लिए पुलिस ने दोनों पक्षों को शनिवार को थाने में बुलाया है।
अधिकारियों का कहना है कि दोनों पक्षों को बिठाकर पंचायत की जाएगी और आपसी सहमति से हल निकाला जाएगा। फ़िलहाल इलाके में तनाव है, लेकिन शांति बनी हुई है। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा छाया हुआ है, जिसे लेकर पुलिस ने लोगों को अफवाहों से बचने की चेतावनी दी है।
अब सबकी निगाहें थाने में होने वाली इस बैठक पर टिकी हैं कि क्या शाहिद को अपना खरीदा हुआ घर मिलेगा या फिर विरोध की आवाज भारी पड़ेगी।




