शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार
सपने वो नहीं है जो आप नींद में देखते हैं, सपने वो हैं जो आपको नींद ही नहीं आने देते…इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं । जी हां हम बात कर रहे हैं देश के मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की । डॉ कलाम के विचार हमेशा युवाओं के लिए प्रासंगिक बने रहेंगे । आज 27 जुलाई को डॉ कलाम की पुण्यतिथि पर देश उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके विचारों को याद कर रहा है । कलाम ने अर्श से फर्श तक का सफर तय करने के लिए काफी मेहनत की और कई मुश्किलों का डटकर सामना भी किया।
उन्हें जनता का राष्ट्रपति कहा जाता था । देश के महान व्यक्ति और राजनेता रहे अब्दुल कलाम को पूरा देश आज याद कर रहा है । आम लोगों से लेकर कई नामी हस्तियों ने कलाम की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है । आपको बता दें कि डॉक्टर कलाम को देश के सभी प्रतिष्ठित नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है । उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और भारत में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
गृह मंत्री अमित शाह समेत कई भाजपा नेताओं ने दी श्रद्धांजलि—
मिसाइल मैन की आज पुण्यतिथि पर गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया, बुद्धि, ज्ञान और सरलता के प्रतीक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि। जनवादी राष्ट्रपति, जिन्होंने विज्ञान से लेकर राजनीति तक कई क्षेत्रों में अमिट छाप छोड़ी । ज्ञान के लिए उनकी अथक खोज आत्मनिर्भर भारत के विचार को प्रेरित करने और पकड़ने के लिए जारी है । इसके अलावा केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने भी लगता कलाम की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी है ।
अपनी सादगी के लिए जाने जाते थे पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम–
मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम अपनी सादगी पूर्ण जीवन के लिए देशभर में जाने जाते थे। उनके विचारों ने पूरे देश को एक नई ऊर्जा प्रदान की थी । राष्ट्रपति रहते हुए भी उन्होंने अपने जीवन में बदलाव नहीं किया यही उनको महान बनाता था। डॉ कलाम सभी पार्टियों सभी धर्मों में लोकप्रिय रहे । वह अग्नि और पृथ्वी मिसाइल के विकास और संचालन के प्रमुख थे। यही वजह है कि उन्हें ‘मिसाइल मैन’ कहा जाता है । पोखरण परमाणु परिक्षण में डॉ. कलाम ने अहम भूमिका निभाई थी।
कलाम को सूट पहनना कतई पसंद नहीं था, इसलिए वो आपचारिक कार्यक्रमों से चिढ़ते थे। उन्हें ऐसे कपड़े नहीं पसंद थे, जिसमें खुद को सहज नहीं पाते थे । उन्हें भारत और विदेश के 48 विश्वविद्यालयों और संस्थानों से मानद डॉक्टरेट प्राप्त थे। उन्होंने 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। वह भारत के पहले राष्ट्रपति थे जो अविवाहित और शाकाहारी थे। यहां हम आपको बता दें कि उनकी अंतिम यात्रा (जनाजे) में मुस्लिमों से अधिक हिंदुओं की संख्या थी।