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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव के तीन मंत्रियों ने भारत के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी के विरूद्ध भी टिप्पणी की थी। इसका गहरा असर होता दिख रहा है। भारतीयों ने 'बॉयकॉट मालदीव' का ट्रेंड शुरू कर दिया है और सेलिब्रिटीज भी इसमें कूद पड़े हैं, चलो लक्षद्वीप ट्रेड शुरू हो गया है। मालदीव में सियासी लोगों नेताओं ने भारत की आलोचना पर कड़ी नाराजगी जताई है और खबर है कि उन्होंने प्रेसिडेंट मोहम्मद मुइज्जू के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी शुरू कर दी है। इससे चर्चा है कि मालदीव में राजनीतिक भूचाल आ सकता है।

भारत की ताकत को नजरअंदाज करना मालदीव के प्रेसिडेंट मोहम्मद मुइज्जू को भारी पड़ सकता है। एक तरफ मालदीव का विपक्ष सरकार पर भारत के साथ रिश्ते खराब होने का आरोप लगा रहा है और अब प्रेसिडेंट मुइज्जू के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। मालदीव के अल्पसंख्यक नेता अली अजीम ने ऐसी मांग की है। मुइज्जू को पद से हटाने में मदद करें। अली अजीम ने कहा कि हमारी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) पार्टी मालदीव की विदेश नीति में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। अली ने पार्टी के शीर्ष नेताओं से पूछा है कि क्या वे प्रेसिडेंट मुइज्जू के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तैयार हैं।

मालदीव टूरिज्म एसोसिएशन ने मंत्री के बयान की आलोचना की है। एक बयान में, एसोसिएशन ने अपने मंत्रियों द्वारा प्रधान मंत्री मोदी और भारत के लोगों के विरूद्ध की गई टिप्पणियों की निंदा की। साथ ही भारत एक करीबी पड़ोसी और मित्र देश है। इतिहास में जब-जब हमारा देश संकट में पड़ा है। फिर भारत से पहली मदद मिली। हम सरकार के साथ-साथ भारत के लोगों के भी आभारी हैं कि उन्होंने हमारे साथ इतना करीबी रिश्ता बनाया।' 

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