इस बारिश के मौसम (Monsoon India) में तरह-तरह के संक्रामक जीवाणु, विषाणु के बॉडी में प्रवेश करने का खतरा अधिक रहता है। यह जीवाणु बॉडी में प्रवेश करके सर्दी या फ्लू का शिकार बना सकते हैं। मच्छरो से फैलने वाली बीमारियां जैसे मलेरिया, डेंगू, हैजा, टाइफोइड, हेपेटाइटिस आदि होना का खतरा भी इस मौसम में अधिक रहता है।
बरसात के मौमस (Monsoon India) में हम सिट्रस फ्रूट जैसे नींबू, संतरा और खट्टी चीज़ें खाना छोड़ देते हैं। विटामिन सी से भरपूर यह फल बरसात के मौसम में खाना बेहद जरूरी है। यह हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं और हम हेल्दी रहते हैं। अगर आप सिट्रस फ्रूट से परहेज़ करते हैं तो पपीता या अमरूद इसके विकल्प के तौर पर खा सकते हैं
इस मौसम (Monsoon India) में हम प्रोबायोटिक फूड जैसे दही और छाछ का सेवन करने से परहेज़ करते हैं। आप जानते हैं कि प्रोबायोटिक फूड पेट में हजारों गुड बैक्टीरिया का विकास करते हैं जो पाचन प्रक्रिया के लिए जरूरी हैं। बॉडी में गुड बैक्टीरियां की कमी होने पर हमारी इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है। बरसात में प्रोबायोटिक फूड से परहेज़ नहीं करें।
कुछ लोगों को जितना ठंडा पानी गर्मी में पीने की आदत होती है, उतना ही ठंडा पानी वो बरसात के दिनों (Monsoon India) में भी पीते हैं जो इस मौसम में उनकी सेहत को नुकसान पहुंचाता है। फ्रीज का पानी पीने से गले में कई तरह के संक्रमण का खतरा रहता है। इस मौसम में आप नॉर्मल पानी पीएं।
इस मौसम (Monsoon India) में अक्सर लोग खेतों में होने वाले कीड़ों के डर से सीजनल फ्रूट और सब्जियों से परहेज़ करते हैं जो सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। बरसात के दिनों में आप सीज़नल फ्रूट और सब्जियों से परहेज़ करके अपनी इम्यूनिटी कमजोर कर देते हैं।
मानसून (Monsoon India) के दिनों जो लोग बाहर की चाय और पकौड़े खाने के शौकीन हैं उन्हें अपनी आदत में बदलाव करने की जरूरत है। बाहर का खाना ब्लोटिंग और पेट खराब होने की समस्या कर सकता है।