इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण इस माह 26 दिसंबर दिन यानि गुरुवार को लगेगा। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण के समय से 12 घंटे पूर्व ही सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। यह ग्रहण के समापन तक होता है। आपको बता दें कि ग्रहण के समय मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, पूजा अर्चना नहीं होती है। मोक्ष होने पर अर्थात् ग्रहण खत्म होने के बाद कपाट खोले जाते हैं और पूजा अर्चना की जाती है। यह सूर्य ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा।
आइए जानते हैं वर्ष के अंतिम सूर्य ग्रहण के बारे में खास बातें:
यह सूर्य ग्रहण खंडग्रास सूर्य ग्रहण यानी आंशिक होगा।
सूर्य ग्रहण का प्रारंभ: सुबह 08 बजकर 17 मिनट पर होगा।
परमग्रास: सुबह 09 बजकर 31 मिनट पर।
सूर्य ग्रहण का समापन: सुबह 10 बजकर 57 मिनट पर होगा।
सूर्य ग्रहण का कुल समय: 02 घंटे 40 मिनट 02 सेकेंड।
सूतक प्रारंभ: 25 दिसंबर दिन बुधवार को शाम 5 बजकर 31 मिनट से।
सूतक समापन: 26 दिसंबर दिन गुरुवार को सुबह 10 बजकर 57 मिनट पर।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण के बाद पवित्र जल से स्नान करने और दान करने की परंपरा है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी होती है।
सूर्य ग्रहण का राशियों पर असर
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का 12 राशियों मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, वृश्चिक, तुला, धनु, मकर, कुंभ और मीन पर अच्छा या बुरा प्रभाव पड़ता है। इस बार भी सूर्य ग्रहण लगने से इन राशियों पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
क्यों लगता है सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। चंद्रमा जब पृथ्वी का चक्कर लगाते समय सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और तीनों एक सीध में आ जाते हैं तो सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंचती हैं, इसे ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह आंशिक और पूर्ण दो तरह का होता है।